चीन के तेवर तल्ख,ताइवान के साथ कभी भी छिड़ सकती है जंग
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान यात्रा क्या करी कि चीन के तेवर ही तल्ख हो गये और उनके लौटते ही चीन और भी ज्यादा आक्रामक हो गया है। बहाहाल चीन और ताइवान के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। ये भी जानना जरूरी है कि चीन आखिर ताईवान यात्रा से इतना क्यों नाराज है जिससे खफा होकर चीन ने ताइवान को घेरने के लिए उसकी सीमा के आसपास घेराबंदी शुरू कर दी है।
दरअसल ताइवान कभी चीन का ही हिस्सा था जो दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थिति एक द्वीप है। ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है, उसका अपना संविधान है लिहाजा ताइवान में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार है। वहीं चीन की कम्युनिस्ट सरकार ताइवान को अपने देश का हिस्सा बताती है, चीन इस द्वीप को फिर से अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। आपने देखा सुनस होगा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान और चीन के पुनः एकीकरण की जोरदार वकालत करते हैं।बहरहाल खबर यह भी है कि चीनी सेना ने ताइवान के आसपास सैन्य अभियान शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,चीन ने ताइवान की सीमा पर युद्धाभ्यास के लिए युद्धपोत, फाइटर जेट व मिसाइलों को तैनात किया है। आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएलए चार से सात अगस्त तक छह अलग-अलग क्षेत्रों में भी सैन्य अभ्यास करेगा जो ताइवान द्वीप को सभी दिशाओं से घेरता है।
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