डेंगू के पैर पसारने पर याद आया स्वास्थ्य विभाग को सर्वे : रविंद्र आनंद

 



देहरादून : आज आम आदमी पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी रविन्द्र सिंह आनन्द ने एक बयान जारी करते हुए राज्य सरकार के डेंगू की रोकथाम पर ढुलमुल रवैया पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी जिसका की पहले से पता होता है कि हर साल होना ही है उस पर भी राज्य सरकार पहले से तैयारियां नहीं करके रखती हैं हाल ही के दिनों में सभी सरकारी अस्पतालों में दवाइयों तक की कमी रही जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा साथ ही अस्पतालों में डेंगू से पीड़ित लोगों का तांता लगता दिखाई दिया लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया और अब मुसीबत सर पर पडने पर स्वास्थ्य विभाग को लोगों के घरों में सर्वे कराना याद आया हैं और फागिंग याद आ गई है आज भी यदि देखे तो बरसात का मौसम है और सड़कों के किनारे ऊंचे ऊंचे घास फूस के झाड़ खड़े हैं मोहल्लों में फागिंग कराना तो दूर की बात झाड़ो को भी उखड़वाया नहीं जा रहा है जिससे जगह जगह न जाने कितनी तरह के मच्छर पनप रहे हैं और डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है ।

उन्होंने कहा मोहल्लों में बने कूड़ेदान में कूड़ा उठाने का काम भी इतना ढीला चल रहा है जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे दिख जाएंगे यह हाल सिर्फ राजधानी का है तो ना जाने बाकी जगह क्या हाल रहेगा । वहीं दूसरी ओर सरकार ने आम जनता को डेंगू से बचने के उपाय बता कर एक तरह से अपना पल्ला झाड़ लिया है क्योंकि डेंगू पर सरकार संवेदनशील नहीं दिख रही वही लोगों को सरकारी अस्पताल में सुविधाएं ना मिलने के कारण प्राइवेट हॉस्पिटलों और डॉक्टरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं जिससे आम आदमी की जेब पर बीमारी पर खर्च का अतिरिक्त भार पड़ रहा है ।

उन्होंने आगे कहा इसके लिए नगर निगम भी कम दोषी नहीं है नगर निगम में भी व्यवस्थाएं ठीक ढंग से नहीं चल रही हैं वहीं अगर बस्तियों की ओर नजर मारे तो कूड़े के ढेर दिखाई देंगे नालियां चोक पड़ी है और बरसात का पानी नालियों से निकलकर सड़कों पर बह रहा है और जगह जगह जमा हुआ है जिससे मच्छर पनपते हैं एवं बीमारियों का रूप लेते हैं उन्होंने कहा इस बार कहीं किसी प्रकार का छिड़काव भी दिखाई नहीं दिया सरकार को चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग सहित सभी नगर निगमों को निर्देशित करें एवं डेंगू के खिलाफ एक अभियान युद्ध स्तर पर चलाएं । अंत में उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी का दायित्व मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री का है इसलिए व्यवस्थाओं को ठीक रखना उनका कर्तव्य है।

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