जामा मस्जिद में में लड़कियों की नो एंट्री पर गरमाया मुद्दा
नई दिल्ली: हिन्दुस्तान में कोई न कोई मुद्दा होना ही चाहिए जिस पर सियासी पारा बर्म हो। सोने पर सुहागा यदि किसी भी राज्य में चुनावी मौसम हो तो ऐसे मुद्दे सियासी पार्टियों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होते। आपको बता दें कि दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में अकेली लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया और सियासी रंग ले लिया है। एक तरफ जहां कुछ लोग मस्जिद प्रबंधन के इस फैसले को सही करार दे रहे हैं,तो कुछ इसे धार्मिक स्थल पर महिलाओं के साथ भेदभाव के साथ जोड़कर देख रहे हैं।
इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी गंभीरता से लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि हम इस मामले को स्वतः संज्ञान ले रहे हैं, यह गंभीर मामला है। जल्द ही इस पर आगे की कार्यवाई की जाएगी।जैसा कि जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। यह फैसला मस्जिद प्रशासन की ओर से है। मस्जिद प्रशासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मस्जिद में अकेले या लड़कियों के समूह के प्रवेश पर रोक है। मस्जिद के बाहर साइन बोर्ड पर भी एक पर्ची चिपका दी गई है। अब इसी को लेकर बवाल मच गया है। दिल्ली महिला आयोग ने शाही इमाम को नोटिस जारी कर दिया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग के सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर आयोग द्वारा जामा मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के साथ उनसे महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने को लेकर आगाह किया जाएगा। वहीं,लड़कियों के मस्जिद में प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर मस्जिद प्रबंधन ने अजीबोगरीब दलील दी है।जामा मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित नहीं है, केवल अकेली महिलाओं की एंट्री पर बैन है। क्योंकि इस धार्मिक स्थल पर लड़िकयां अनुचित हरकतें करती हैं,वीडियो शूट करती हैं। इन सब को रोकने के लिए प्रतिबंध ने ये कदम उठाया है। मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि परिवार या विवाहित जोड़ों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
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