सिरफिरा तांत्रिक : 42 शिकार और एक मकसद,क्यों वो कुंवारी लड़कियों को मारकर पीता था उनकी लार

 


साल 1986, जगह इंडोनेशिया का नॉर्थ सुमात्रा यहां अहमद सुरादजी नामक एक तांत्रिक अपनी तीन पत्नियों के साथ रहता था। उसकी तीनों पत्नियां आपस में बहनें थीं। अहमद को इलाके के अधिकतर लोग जानते थे। वो भी इसलिए कि वह तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक से लोगों की समस्याएं दूर करने का दावा करता था। लोग उसके पास इलाज करवाने के लिए आते रहते थे।

साल 1986 में एक दिन एक लड़की इसी तरह अहमद के पास अपनी समस्या के समाधान के लिए आई।अहमद उसे इलाज के नाम पर अपने गन्ने के खेत में लेकर गया। उसने वहां पहले से ही एक गड्ढा खोदकर रखा था। अहमद ने लड़की से कहा कि तुम इस गड्ढे में बैठ जाओ। वो लड़की उसके कहने पर जैसे ही बैठी, अहमद ने तंत्र साधना करनी शुरू कर दी। वो काफी सारे मंत्र बोलकर धीरे-धीरे गड्ढे में मिट्टी डालने लगा।

यह सब देखकर लड़की घबराने लगी। उसने तांत्रिक से पूछा कि ये आप क्या कर रहे हैं? अगर इसी तरह आप मुझ पर मिट्टी डालते रहे तो मैं इसमें दब जाऊंगी।तांत्रिक ने उससे कहा कि तुम साधना में विघ्न में डालो। तुम्हारा इलाज इसी तरह होगा। ये तंत्र साधना की एक प्रक्रिया है। फिर वो लड़की पर और ज्यादा मिट्टी डालने लगा। एक समय ऐसा आया कि मिट्टी लड़की की गर्दन तक जा पहुंची।

अब वह हिल-डुल भी नहीं पा रही थी। फिर अहमद ने एक रस्सी ली और उसका गला घोंटकर उसे मार डाला। इसी दौरान लड़की के मुंह से लार गिरने लगी। अहमद ने जैसे ही वो लार देखी, वो खुशी से झूम उठा और उसने तुरंत उस लार को पी लिया। फिर लड़की को उसने गड्ढे से बाहर निकाला। उसके सारे कपड़े उतारे और पास में ही उसके शव को दफना दिया। उसने इस बात का भी ध्यान रखा कि लड़की के शव का सिर उसके घर की तरफ हो। लेकिन उसने ऐसा क्यों किया? क्या थी इसके पीछे की वजह? चलिए जानते हैं।।।

Sources:AajTak

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