25 अप्रैल को खुलेंगे बाबा केदार नाथ धाम के द्वार

 


रूद्रप्रयाग : आज महाशिवरात्रि पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई। आपको बता दें कि 25 अप्रैल को प्रातः 6 बजकर 20 मिनट पर बाबा केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह चार बजे से महाभिषेक पूजा शुरू हो हुई। मंदिर के पुजारी शिव शंकर लिंग,बागेश लिंग,गंगाधर लिंग और शिव लिंग द्वारा गर्भगृह में धार्मिक परंपराओं के तहत सभी पूजा.अर्चना की गई।सुबह 8बजकर 30 मिनट पर भगवान केदारनाथ की आरती की गई और भोग लगाया गया। इसके बाद सुबह नौ बजे से पंचकेदार गद्दीस्थल में मंदिर समिति के आचार्यों की पंचांग गणना के लिए बैठे।

इस अवसर पर केदारनाथ के रावल भीमाशंकर के प्रतिनिधि के तौर पर केदार लिंग मौजूद रहे। 9बजकर तीस मिनट पर पंचांग गणना के आधार पर केदारनाथ के कपाट खुलने का दिन तय कर उसे घोषित किया गया।पूरे दिनभर ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं व मंदिर समिति के कर्मियों व महिला मंगल दलों द्वारा भजन-कीर्तन होते रहेंगे। रात्रि आठ बजे मंदिर में चार पहर की विशेष पूजाएं शुरू होंगी। मंदिर व पंचकेदार गद्दीस्थल को आठ क्विंटल गेंदा के फूलों से सजाया गया है। आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट भी इस वर्ष 27 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे।

बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर टिहरी में नरेंद्रनगर के राजमहल में धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की गई। समारोह में पंचांग गणना के बाद विधि विधान के साथ कपाट खुलने की तिथि तय की गई। वहीं, गाडू घड़ा की तेल कलश यात्रा 12 अप्रैल को निकाली जाएगी। इस अवसर पर टिहरी राजपरिवार सहित बदरी.केदार मंदिर समिति,डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। गौरतलब है कि 2022 में कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने पिछले साल नया रिकॉर्ड बनाया।

पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया था। ये भी बता दें कि पिछले वर्ष बदरीनाथ धाम में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु पहुंचे थे। वहीं, रिकॉर्ड संख्या में गंगोत्री धाम में 624451 तीर्थ यात्री पहुंचे जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्रों दर्शनों के लिए पहुंचे। केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि यात्रा से 211 करोड़ का कारोबार हुआ था।

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