गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिये 'राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य प्रोग्राम" बना संजीवनी
पौड़ी : स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जनपद में 0 से 18 साल तक के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के लिए संजीवनी बन रहा है। ऐसा ही एक मामल पाबौ विकासखंड के गांव फलद्वाडी के अजीत सिंह की 5 वर्षीय पुत्री चांदनी हृदय रोग से ग्रसित थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान बच्ची की बीमारी का पता चला तो बच्ची के परिजनों को इसकी जानकारी दी गई।स्वास्थ्य विभाग सहयोग से बच्ची के माता पिता उसे डीईआईसी हायर सेंटर कोरोनेसन अस्पताल ले गए जहां चांदनी को परीक्षण उपरांत मैडिट्रिना हार्ट चिकित्सालय देहरादून रेफर किया गया।
चांदनी की सफल हार्ट सर्जरी की गई और अब माता पिता बच्ची को घर ले आएं हैं। बच्ची के परिजनों ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पाबौ की टीम व विभागीय अधिकारियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि जब हमे बेटी की बीमारी का पता चला तो लाखों रुपए की सर्जरी के लिए हम आर्थिक तौर पर सक्षम नही थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के इस कार्यक्रम के तहत हमारी बेटी की लाखों रुपए की हार्ट सर्जरी बिल्कुल निशुल्क की गई है।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश कुंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 0 से 18 वर्ष तक के गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिये संजीवनी साबित हो रहा है, कार्यक्रम के तहत 30 गम्भीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों को प्रदेश में डीईआईसी के माध्यम से निःशुल्क परीक्षण व उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कई बार यह देखने को मिलता है कि आरबीएसके टीम द्वारा परीक्षण उपरांत जिन बच्चों में कुछ गंभीर बीमारियों को चिन्हित किया जाता है फिर भी अभिभावक बच्चों के प्रति लापरवाह रहते हैं जबकि अभिभावकों को टीम और विभागीय सहयोग लेते हुए अपने बच्चे के उपचार के लिए तत्पर हो जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जनपद पौड़ी में 15 टीमें प्रत्येक विकास खण्ड में कार्य कर रही हैं। पौड़ी में इस वर्ष विभिन्न गंभीर बीमारी से ग्रसित 15 बच्चों का सफल ऑपरेशन देहरादून के मैडिट्रिना हास्पिटल व एम्स ऋषिकेश में किया गया है। साथ ही 3836 बच्चों को 30 बीमारियों के लिये चिन्हित कर संदर्भित किया गया व 3576 बच्चों को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और उपचार उपलब्ध करवाया गया है।
उन्होंने कहा कि जनपद में 784 बच्चों को अन्धता निवारण कार्यक्रम के तहत चस्में भी वितरित किए गये। इसके साथ ही सरकारी डिलीवरी प्वाइंट्स में यदि कोई बच्चा जन्मजात बीमारी से ग्रसित पैदा होता है तो परिजन, डिलीवरी प्वाइंट के स्टाफ़, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या अन्य कोई भी जनप्रतिनिधि द्वारा रीजनल आरबीएसके मैनेजर निम्मी कुकरेती बौड़ाई को उनके मोबाइल नं0 8218306724 पर सम्पर्क कर सकते हैं साथ ही व्यक्ति अपने निकटतम चिकित्सा इकाई में संपर्क कर सकते हैं।
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