सीएम नीति आयोग की बैठक में सात करोड़ अस्थाई आबादी का उठाएंगे मुद्दा

 


दिल्ली/देहरादून: उत्तराखण्ड के सीएम नीति आयोग गर्वनिंग काउंसलिंग बॉडी की बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने बैठक में राज्य में सालभर में आने वाली करीब सात करोड़ अस्थाई आबादी के लिए सुविधाएं जुटाने का मुद्दा उठाने की ओर इशारा किया है । सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां प्रतिकूल होने की वजह से नीति आयोग से राज्य के लिए अलग से व्यवस्था करने की मांग करेंगे।सीएम ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नीति आयोग की बैठक में सरकार के विकास का रोडमैप साझा करेंगे।

साथ ही उनका यह बात रखने का प्रयास होगा कि उत्तराखंड में पर्यटन, तीर्थांटन, कांवड यात्रा व अन्य प्रयोजन से साल भर करोड़ों लोगों का आना-जाना लगा रहता है।राज्य सरकार को अपनी एक करोड़ से कुछ अधिक की आबादी के साथ साल भर करीब सात करोड़ अस्थाई आबादी के लिए सुविधाएं और संसाधन जुटाने पड़ते हैं। वे इस व्यवस्था के लिए केंद्र से सहयोग की मांग करेंगे। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की अपनी भौगोलिक कठिनाइयां हैं, यहां विकास कार्यों की लागत अधिक आती है। वह नीति आयोग से इसके लिए भी अलग से व्यवस्था की मांग उठाएंगे।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक,सीएम बैठक के एजेंडे के अनुरूप राज्य में एमएसएमई, अवस्थापना विकास एवं निवेश, जन सेवाओं से जुड़ी समस्याओं को कम करने, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य एवं पोषण, कौशल विकास और विकास और सामाजिक अवस्थापना के क्षेत्र में गति शक्ति की प्रगति के बारे में जानकारी देंगे। 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए चिंतन बैठक के एजेंडे पर विकास के तय रोडमैप को भी नीति आयोग के समक्ष साझा कर सकते हैं। राज्य में निवेश के लिए अवस्थापना विकास एवं निवेश बोर्ड और नीति आयोग की तर्ज पर थिंक टैंक के रूप में स्टेट इंस्टीटयूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के बनाने की भी जानकारी देंगे।

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