मोस्ट वांटेड क्रिमिनल लेडी को 22 साल से तलाश रही दो देशों की पुलिस
केरल के कन्नूर शहर की।ओमाना एडाडन नामक लड़की अपने परिवार के साथ रहती थी। बचपन से ही वह पढ़ाई में काफी होशियार थी।परिवार में भी सभी पढ़े-लिखे थे और अच्छी पोस्ट पर नौकरी करते थे। ओमाना का सपना था कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने। हुआ भी कुछ ऐसा ही। ओमाना का यह सपना सच हो गया और वह आंखों की डॉक्टर बन गई।बेटी के डॉक्टर बनते ही घर वालों ने उसकी शादी डॉक्टर राधाकृष्णन से करवा दी, जो कि बच्चों के डॉक्टर थे। शादी के बाद दोनों ने अपना एक क्लिनिक खोल लिया। और वह क्लिनिक अच्छा खासा चल भी गया। आगे चलकर दंपति के दो बच्चे हुए। परिवार हंसी खुशी अपनी जिंदगी बिता रहा था। लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि इस परिवार की जिंदगी ही बदल गई।दरअसल, डॉक्टर दंपति के पास अब काफी पैसा आ गया था। तो सोचा कि उनका घर काफी पुराना हो गया है, क्यों न इसे रेनोवेट करवाया जाए। डॉक्टर राधाकृष्णन इसके लिए एक कारीगर ढूंढने लगे। कन्नूर जिले में ही उनकी एक ठेकेदार से मुलाकात हुई, जो कि घरों को रेनोवेट करवाने का काम करता था। उसका नाम था पी। मुरलीधरन।
ऐसे प्यार में बदल गई दोस्ती
उसे घर में बुलाया गया और काम शुरू किया गया। बच्चे छोटे थे और घर भी ऐसे अकेला छोड़ना सही नहीं था, इसलिए डॉक्टर ओमाना रेनोवेशन के समय घर में ही रहने लगीं। वह सिर्फ थोड़ी ही देर के लिए क्लिनिक जाती थीं। इस दौरान ओमाना और मुरलीधरन के बीच दोस्ती हो गई। दोनों घंटों तक एक दूसरे से बात करते। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में भी बदल गई।मुरलीधरन भी शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी थे। बावजूद इसके वह ओमाना के साथ अफेयर चलाता रहा। रेनोवेशन का काम खत्म हो गया, फिर भी वह रोज ओमाना के घर आने-जाने लगा। जब इस बात की भनक डॉक्टर राधाकृष्णन को लगी तो उन्होंने बच्चों की खातिर ओमाना को समझाया। कहा कि जो भी तुम कर रही हो उसे यहीं खत्म कर दो। हमारे दो बच्चें हैं और इसका असर उन पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मुरलीधरन का भी अपना परिवार है। तुम दोनों के इस रिश्ते के कारण दो घर बर्बाद हो रहे हैं।
पति और बच्चों को छोड़कर अलग रहने लगी ओमाना
पति के समझाने के बावजूद ओमाना नहीं मानी। क्योंकि वह मुरलीधरन के प्यार में पागल हो चुकी थी। उसे बस मुरलीधरन ही चाहिए था। परिवार से उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। नतीजा ये निकला कि उसने मुरलीधरन के लिए अपने ही पति से तलाक ले लिया। दोनों बच्चों को भी पति के पास छोड़कर अलग रहने लगी।
अब मुरलीधरन और ओमाना खुलकर घूमते-फिरते और साथ में ही रहते। ओमाना ने अपने लिए नया क्लिनिक भी खोल लिया।लेकिन धीरे-धीरे उसे लगने लगा कि समाज के लोग अब उसे वो इज्जत नहीं देते हैं जो कि पहले देते थे। दरअसल, उसके तलाक और अफेयर का पता लगभग सभी लोगों को लग चुका था। लोग उसके क्लिनिक में भी ना के बराबर ही जाते।
ओमाना से प्यार नहीं करता था मुरलीधरन
ओमाना ने फिर मुरलीधरन को शादी के लिए पूछा। मुरलीधरन काफी चालाक इंसान था। वो सिर्फ ओमाना से टाइम पास कर रहा था। वह उससे शादी नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने उसे कहा कि इन चीजों के लिए उसे थोड़ा वक्त चाहिए। दरअसल, मुरली के लिए ओमाना सिर्फ पैसा कमाने का जरिया था। वह जब चाहे उससे पैसे मांगता रहता और प्यार में पागल ओमाना भी बिना किसी सवाल के उसे पैसे दे दिया करती।
इंडिया छोड़कर मलेशिया शिफ्ट हो गई ओमाना
जब ओमाना का क्लिनिक बिल्कुल ही बंद हो गया तो उसने सोचा कि वह भारत देश ही छोड़ दे और कहीं किसी और देश में जाकर अपना क्लिनिक खोले। फिर ओमाना इंडिया छोड़कर मलेशिया चली गई। उसने वहां अपना एक आई क्लिनिक शुरू किया, जो कि किस्मत से चल पड़ा। फिर वो वहीं सेटल हो गई। लेकिन अब भी वह मुरली के कॉन्टेक्ट में थी। वो वहां से भी उसे पैसे भेजती थी।
एक दिन उसने मुरली को फोन करके मलेशिया बुलाया और कहा कि वे दोनों यहां शादी कर लेंगे। फिर यहां पति-पत्नी की तरह जिंदगी गुजारेंगे। किसी को शक न हो इसलिए हम नाम और पहचान बदलकर शादी करेंगे। मुरली भी मान गया। पहले ओमाना इंडिया आई। फिर यहां दोनों ने किसी जान-पहचान के शख्स से नकली पहचान पत्र और पासपोर्ट बनवाया।
नकली पहचान और पासपोर्ट बनवाया
ओमाना ने अपना नाम रखा अमीना भिंडे अर्बुदला। साथ ही मुरली का भी नाम बदलवा दिया। फिर दोनों मलेशिया आ गए। यहां दोनों साथ रहने लगे। लेकिन मुरली को तो बस पैसा चाहिए था। इसलिए पैसों को लेकर दोनों में अनबन शुरू हो गई। एक दिन मुरली ने गुस्से में कहा कि मैं भारत वापस जा रहा हूं और वो वापस आ भी गया।
शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का सिलसिला
लेकिन यहां उसका काम अब रुक चुका था। पैसों की तंगी होने लगी थी। इसलिए एक दिन मुरली ने ओमाना को फोन करके कहा कि वो उसे पैसे भेजे। ओमाना ने इनकार किया तो मुरली उसे ब्लैकमेल करने लगा। उसने कहा कि अगर वो उसे पैसे नहीं देगी तो वो पुलिस को सब कुछ बता देगा। फिर उसे जेल हो जाएगी।
ओमाना यह सुनते ही काफी दुखी हो गई। वह जितना प्यार मुरली को करती थी अब उससे कहीं ज्यादा नफरत वह उससे करने लगी। क्योंकि मुरली के लिए उसने अपना पति, बच्चे और यहां तक कि अपना देश तक छोड़ दिया था। और अब वही मुरली उसे ब्लैकमेल कर रहा था। उसे समझ आ गया कि मुरली को उससे कभी प्यार था ही नहीं। वह सिर्फ पैसों के लिए उसके साथ था।
क्राइम की कहानी की शुरुआत
यहीं से शुरुआत हुई क्राइम की कहानी की। साल था 1996 का। ओमाना ने अपने क्लिनिक से 7 जुलाई से लेकर 14 जुलाई 1996 तक की छुट्टी ली। 7 जुलाई को ओमाना थिरुवनंथपुरम पहुंची। एयरपोर्ट से वह सीधे अपने भाई के घर पहुंची। वहां उसने अपने सारे कीमती जेवर और दो ट्रॉली बैग रख दिए। फिर काम का बहाना लगाकर वह वहां से निकलकर ऊटी पहुंची। ऊटी में उसने एक होटल का कमरा किराए पर लिया। वो भी फर्जी नाम और पता बताकर।8 जुलाई 1996 को डॉक्टर ओमाना बाजार गई और कुछ सामान खरीदा। जैसे पॉलीथिन के कुछ बंडल और दो सूटकेस। खरीददारी के बाद उसने दूसरा होटल बुक किया वो भी तीन दिन के लिए। फिर उसने वहां मुरली को बुलाया। कहा कि बिना किसी को बताए आना। मेरे साथ दो तीन दिन रहना। फिर पैसे लेकर चले जाना।मुरली भी मान गया और 9 जुलाई को मुरली भी ऊटी पहुंच गया। पहली रात दोनों ने साथ बिताई। फिर 10 जुलाई को दोनों होटल से कहीं घूमने के लिए निकले। बता दें, ओमाना ने एक रेलवे रिटायरिंग रूम भी बुक करवा रखा था। वहां दोनों ने उन दो सूटकेस को रखा।
जहरीला इंजेक्शन मुरली को लगाया
इसके बाद दोनों एक बार में गए। ओमाना ने मुरली को वहां खूब शराब पिलवाई। जब दोनों वापस रेलवे रिटायरिंग रूम पहुंचे तो मुरली काफी ज्यादा नशे की हालत में था। ओमाना ने तब उसे कहा कि मैं तुम्हारे लिए मलेशिया से एक गिफ्ट लाई हूं। उसने एक दवा की बोतल दिखा के कहा कि यह एक खास दवा है। इसे शरीर में इंजेक्ट करने से मर्दानी ताकत चार गुना बढ़ जाती है।
मुरली यह सुनते ही खुश हो गया। फिर ओमाना ने उस दवा को इंजेक्शन में भरकर उसे मुरली को लगा दिया। दवा के प्रभाव से मुरली बेहोश हो गया और थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गई। दरअसल, वह कोई दवा नहीं थी, बल्कि जहर था।
फिर ओमाना ने मुरली की लाश को बाथरूम ले जाकर कई टुकड़ों में काट दिया। मांस के कुछ टुकड़ों को तो उसने टॉयलेट में फ्लश कर दिया। लेकिन बची हुई हड्डियों और मांस को अब उसे ठिकाने लगाना था।
पहला होटल छोड़ दूसरे होटल पहुंची ओमाना
फिर उन हड्डियों और मांस के टुकड़ों को उसने पॉलीथिन में डालना शुरू कर दिया। फिर उन सभी पॉलीथिन को उसने दोनों सूटकेस में डाल दिया। 11 जुलाई को उसे रेलवे रिटायरिंग रूम को खाली करना था। उसने रूम अच्छे से धोया और सूटकेस में खूब सारा परफ्यूम छिड़क दिया ताकि उससे दुर्गंध न आ सके। फिर उसने टैक्सी बुलाई और उस होटल में पहुंची जहां उसने पहले से ही कमरा ले रखा था।
12 जुलाई को उसे ये वाला कमरा भी खाली करना था। लेकिन उससे पहले उसे लाश को भी ठिकाने लगाना था। फिर उसे आइडिया आया कि क्यों न इन सूटकेस को कोडाईकनाल के सुसाइड प्वाइंट से नीचे फेंक दिया जाए। वहां इतने लोग सुसाइड करते हैं कि किसी को शक भी नहीं होगा। फिर ओमाना टैक्सी करके कोयंबटूर पहुंची।
यहां उसने एक होटल बुक करवाया। फिर सूटकेस को टैक्सी में ले जाकर कोडाईकनाल के सुसाइड प्वाइंट की तरफ जाने लगी। रास्ते में सूटकेस से गंध आने लगी तो ड्राइवर राजा ने उससे सवाल करने शुरू कर दिए।
कैब ड्राइवर को किया प्लान में शामिल
ओमाना ने सोचा कि क्यों ना पैसे देकर ड्राइवर को भी इस प्लान में शामिल कर लिया जाए। उसने ड्राइवर को पैसों का लालच दिया और कहा कि अगर वो उसकी मदद करेगा तो बदले में उसे ढेर सारे पैसे मिलेंगे। पहले तो ड्राइवर डर गया। फिर उसने सोचा कि ये महिला काफी खूंखार है। अगर उसने उसका साथ नहीं दिया तो क्या पता वो उसे भी मार डाले। इसलिए वह उसकी बात मान गया।
इस तरह वो भी प्लान में शामिल हो गया। ओमाना अब निश्चिंत थी कि अब वह आसानी से लाश को ठिकाने लगा लगा सकेगी। काफी थका होने के कारण उसे गाड़ी में ही नींद आ गई। थोड़ी देर बाद एक जगह गाड़ी रुकी। जल्दी से ड्राइवर गाड़ी से उतरा और चिल्लाने लगा कि इस गाड़ी में लाश है। उसकी आवाज से ओमाना की भी नींद टूट गई। जब उसने खिड़की से बाहर देखा तो उसके होश उड़ गए। गाड़ी पुलिस स्टेशन के बाहर थी।
ओमाना ने कबूल किया अपना जुर्म
पुलिस वालों ने तुरंत महिला को गिरफ्तार किया और उन ट्रॉली बैग्स को भी कब्जे में ले लिया। सख्ती से पूछताछ में ओमाना ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। कोर्ट में ओमाना को पेश किया गया। केस चलता गया। साल 2001 में ओमाना ने बेल के लिए अप्लाई किया। कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी। लेकिन उसके बाद से ओमाना फरार हो गई।
2009 में ओमाना ने एक बार अपने बेटे को फोन किया था और बताया था कि वह मलेशिया में है। भारत और मलेशिया, दोनों देशों की पुलिस ने उसे ढूंढा। लेकिन वो कहीं नहीं मिली। उसे फिर भारत की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल घोषित कर दिया गया। फिर अक्टूबर 2017 में खबर आई कि मलेशिया में एक महिला ने बिल्डिंग की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली है।
आज भी लापता है ओमाना
पता चला कि महिला केरल की रहने वाली थी। केरल पुलिस को इसकी सूचना दी गई तो यह खबर अखबारों में भी छपी। लोगों को लगा कि शायद यह ओमाना ही है। लेकिन तभी एक महिला ने दावा किया कि मरने वाली महिला उसकी बहन थी। न कि ओमाना। डीएनए टेस्ट करवाया गया तो इस बात की पुष्टि भी हो गई कि वो लाश उस महिला की बहन की ही थी। लेकिन आज भी यह पता नहीं लग पाया है कि आखिर ओमाना है कहां?
Sources:aajTak
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