पति,पत्नी और बार गर्ल,3 साल से छिपाकर रखा थाअफेयर,हक मांगते ही बन गया सेना का लेफ्टिनेंट कर्नल क़ातिल
देहरादून : सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल का बार में काम करने वाली लड़की से लव अफेयर था। लेकिन उसने पत्नी का दर्जा मांगना शुरू कर दिया। जबकि कर्नल पहले से ही शादीशुदा था। पति के विवाहेत्तर संबंध की बात इधर पत्नी को मालूम हो गई। फिर होने लगे 'पति, पत्नी और वो' के बीच झगड़े। इसी के चलते कर्नल ने एक दिन अपनी गर्लफ्रेंड को शराब पीने के बहाने बुलाया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। मगर खूनी कर्नल ज्यादा दिन अपने अपराध को छिपा नहीं सका और पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। तीन साल की प्रेम कहानी के बाद कत्ल।।।जानिए कैसे खुला राज।।।
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी रामेंदु उपाध्याय ने बताया, ''मैं आर्मी में क्लेमेंटाउन देहरादून में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हूं। मेरी पोस्टिंग कुछ समय पहले सिलिगुड़ी पश्चिम बंगाल से देहरादून में हुई थी। वर्ष 2010 में डिपार्टमेंटल कमीशन के रूप में मुझे लेफ्टिनेंट बनाया गया था। मेरा घर पंडितवाड़ी में है। साल 2020 जनवरी में मेरी मुलाकात नेपाली मूल की एक लड़की श्रेया शर्मा से ZIZZI डांस बार, सिटी सेंटर मॉल सिलीगुड़ी (पंश्चिम बंगाल) में हुई थी। जहां पर मुझे श्रेया शर्मा बहुत पसंद आई। पहले मेरी मुलाकात श्रेया से दोस्ती के नाते हुई। उसके बाद हमारे संबंध बन गए।
किराये के फ्लैट में श्रेया को रखा
हम दोनों सिलीगुड़ी में पति-पत्नी की तरह रहते थे। मैं श्रेया के सारे खर्चे उठाता था। जब मेरी पोस्टिंग देहरादून जिले में हुई तो मैं श्रेया को भी अपने साथ ले आया। जिसकी जानकारी मेरी पत्नी को हुई तो मैंने श्रेया को कुछ दिन होटल में रखने के बाद वापस सिलीगुड़ी भेज दिया। हालांकि, कुछ दिन बाद मैंने उसे दोबारा देहरादून बुला लिया और कुछ दिन होटल में रखने के बाद मैंने क्लेमेंट टाउन (Clement Town) में एक फ्लैट किराये पर लिया और उसे वहां रख दिया।
होटल से मंगाती थी खाना
कुछ दिन सही रहने के बाद वह लगातार मुझे अपनी पत्नी का दर्जा देने का दबाव बनाने लगी और इसको लेकर वहां मुझे गाली-गलौज करने लगी। मुझसे पीने के लिए शराब और होटल से खाना मंगाती थी। मैं ही खाना बनाता था, उसे खाना बनाना नहीं आता था। मेरा लगभग रोज फ्लैट में आना-जाना था। इसका मेरी पत्नी को भी पता चल गया था। उधर, श्रेया मुझसे लगातार दुर्व्यवहार करती थी और मुझे गालियां देती थी। कहती थी कि तुमने मेरी लाइफ खराब कर दी है। मुझे रखैल की तरह रखा हुआ है। मुझसे शादी कर लो। इस बात को लेकर हमारा झगड़ा होता रहता था।
श्रेया से हुआ पत्नी का झगड़ा
पिछले कुछ दिनों पहले मेरी वाइफ भी फ्लैट में आई थी। उसकी भी लड़ाई श्रेया के साथ हुई। मेरी पत्नी और श्रेया के बीच लड़ाई होने से मुझे बहुत बुरा लगा था। मैं असमंजस की स्थिति में था कि मैं क्या करूं? मैं बहुत परेशान हो गया था। इसलिए मैंने उसे जान से मारने की योजना बनाई।
उसे ज्यादा शराब पिलाई और मैंने कम पी
इसके तहत बीते 9 सितंबर को श्रेया को मैं बीयर पीने के लिए राजपुर रोड स्थित एक क्लब ले गया। जहां पर रात को हमने शराब पी। मैंने उसे ज्यादा शराब पिलाई और खुद कम शराब पी। फिर मैंने उसे लॉन्ग ड्राइव में जाने को कहा। मैंने अपनी गाड़ी में भी कुछ बीयर और शराब रख ली। इसके बाद हम लोग रात्रि को आईएसबीटी घंटाघर बल्लूपुर डोईवाला, फिर डोईवाला से वापस होते हुए महाराणा प्रताप चौक से थानो रोड की तरफ निकले। मैंने अपनी गाड़ी थानो रोड पर जंगल जाने वाले रास्ते पर लगा ली। मेरा श्रेया को जान से मारने का प्लान था, तो मैंने गाड़ी में एक हथौड़ा सीट के पीछे रख लिया था और एक टॉयलेट क्लीनर गाड़ी में रख लिया था।
कार में संबंध बनाने की जिद कर रही थी श्रेया
श्रेया अत्यधिक शराब के नशे में मुझसे गाड़ी में शारीरिक संबंध बनाने को कह रही थी और अपने कपड़े उतारने लगी। इसी दौरान मैंने अपनी कार की पिछली सीट में रखे हथौड़े को निकाल श्रेया के सिर पर ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। वह नशे में थी तो डिफेंस नहीं कर पाई। मैं सिरपर लगातार हथौड़े से वार करता चला गया। जब वह मर गई तो मैं गाड़ी को थोड़ा और आगे ले गया। फिर मेन रोड किनारे श्रेया की लाश फेंक दी। उसके बाद गाड़ी में रखा टॉयलेट क्लीनर निकाला और उसके मुंह पर डाल दिया।
श्रेया के शव को ठिकाने लगाकर मैंने हथौड़ा थानो रोड पर सड़क किनारे फेंक दिया। उसके बाद वापस आकर गाड़ी क्लेमनटाउन स्टोर में दिपा दी। साथ ही श्रेया के सामान और पहने कपड़ों को भी गाड़ी में छिपा दिया। मैं अपनी पत्नी के पास मिलने आ रहा था और उसे बताना चाहता था कि मैंने श्रेया को वापस भेज दिया है। तब तक पुलिस ने पकड़ लिया।''
सड़क किनारे फेंक दी थी श्रेया की लाश।
दरअसल, 10 सितंबर को देहरादून जिले के सोडा सरोली ग्राम प्रधान ने स्थानीय रायपुर थाने को सूचना दी कि सिरवाल गढ़ में एक महिला का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा है। इस पर थानाध्यक्ष रायपुर मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे।
घटनास्थल का मुआयना करने पर महिला के माथे और सिर पर गंभीर चोटों का होना पाया गया। पास ही में एक टॉयलेट क्लीनर की बोतल पड़ी हुई मिली। आस-पास कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था। फील्ड यूनिट की सहायता से मृतका की पहचान की कोशिश की गई।
उधर, डीआईजी और एसएसपी देहरादून की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से भी मृतका की शिनाख्त के लिए प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए। वहीं, महिला की संदिग्ध हालात में हत्या कर घटनास्थल पर फेंके जाने पर चौकी प्रभारी मालदेवता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत केस दर्ज किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने मामले की जांच के लिए एसपी सिटी सरिता डोबाल, सीओ डोईवाला अभिनय चौधरी और थानाध्यक्ष रायपुर के नेतृत्व में चार टीमें गठित कर रवाना की गईं।
पुलिस की एक टीम ने शुरुआत में घटनास्थल के आस-पास रहने वाले व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ की। दूसरी टीम ने घटनास्थल को आने-जाने वाले मार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया। वहीं, तीसरी पुलिस टीम ने मृतका की पहनी Zudio ब्रांड की ड्रेस की जानकारी के लिए आसपास के शोरूम्स में जाकर पड़ताल की। चौथी टीम अलग से मृतका की शिनाख्त के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रही थी।
इसी बीच, पुलिस टीम को जुडियो ब्रांड के शोरूम जाखन और किशननगर से पता चला कि दोनों शोरूम से उक्त आर्टिकल की 8 ड्रेस बिकी हैं। घटनास्थल से लगभग 300 मीटर की दूरी पर ग्रामीण का आवास होना पाए जाने पर स्पष्ट हुआ कि घटना रात्रि में हुई है। इसके अलावा, घटनास्थल के आस-पास के लोगों से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि रात में आखिरी बार 11 बजे लगभग ग्रामीण की गाड़ी अंदर आयी थी। तब तक यह घटना नहीं हुई थी।
पुलिस टीम ने 11 बजे से सुबह 4 बजे तक महाराणा प्रताप चौक से थानो की ओर जाने वाले और थानो चौक से महाराणा प्रताप चौक की ओर आने वाले लगभग 240 वाहनों को चेक किया। वाहनों की आने-जाने के समय की तुलना करने पर 18 वाहनों के समय में संदिग्धता पाई गई। 18 चौपहिया वाहनों के कड़ी मेहनत के बाद नंबर और गाड़ी मालिकों के पते हासिल किए गए और उनके पते तस्दीक किए गए। मोबाइल नंबर भी निकाले गए।
पतों की तस्दीक करते हुए एक नंबर UK07-DX-5881 (KIA कार ) के मालिक रामेन्दु उपाध्याय पुत्र वाल्मिकी उपाध्याय निवासी प्रेमनगर पंडितवाड़ी जनपद देहरादून का निकला। यही नहीं, पुलिस पड़ताल में घटना के समय के दौरान रामेंदु का मोबाइल फोन स्विच ऑफ था।
इसके अलावा, घटना के दौरान महाराणा प्रताप चौक से थानो चौक तक पहुंचने में लिए गए समय में लगभग 42 मिनट के अतिरिक्त समय भी था। इन सबूतों के आधार पर पुलिस टीम ने 11 सितंबर को सुबह रामेंदु उपाध्याय को उसके प्रेमनगर पंडितवाडी स्थित घर के पास से हिरासत में ले लिया और जब पूछताछ की गई तो रामेंदु ने अपना अपराध कुबूल लिया।
यही नहीं, बरामद मोबाइल फोन में मृतका के साथ रामेंदु उपाध्याय की फोटो और मोबाइल नंबर भी पाया गया। इस बात की भी पुष्टि हुई कि आरोपी रामेंदु ने 3 सितंबर को जुडियो के शोरूम से मृतका को ड्रेस दिलवाई थी। मृतका की शिनाख्त श्रेया उर्फ सुमित्रा पुत्री शिव बहादुर चौक चिसापानी जिला तनहु नेपाल के रूप में हुई।
आरोपी की निशानदेही पर क्लेमनटाउन से वारदात में इस्तेमाल कार, गाड़ी के अंदर छिपी हुई मृतका की आईडी, कपड़े और थानो रोड जंगल से घटना में प्रयुक्त रक्त रंजीत हैमर (हथोड़ी) बरामद की गई। आरोपी के कपड़ों, कार के अंदर खून लगा हुआ पाया गया।
Sources:AajTak
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