भारत का गांव,जो पूरे 'एशिया में सबसे साफ',हर घर में टॉयलेट,प्लास्टिक है बैन!
अजब-गजब : दिल्ली एनसीआर में बढ़ते स्मॉग का हाल तो आप टीवी चैनलों के माध्यम से देख ही रहे होंगे। जो लोग दिल्ली एनसीआर में रह रहे हैं, वो तो इसका अनुभव सीधे तौर पर कर रहे होंगे। पर भारत को सिर्फ दिल्ली के प्रदूषण को देखकर नहीं आंका जा सकता। हमारा देश स्वच्छता के मामले में भी मशहूर है। यहां एक ऐसा गांव है, जो पूरे ‘एशिया में सबसे साफ’माना जाता है। यही नहीं, इस गांव के हर घर में टॉयलेट है और प्लास्टिक पर भी बैन लगा हुआ है।
इस गांव को ‘भगवान का बगीचा’ के तौर पर भी जाना जाता है। इस गांव का नाम मॉलिनॉन्ग है। ये मेघालय राज्य में मौजूद है। गांव मेघालय की राजधानी, शिलॉन्ग से सिर्फ 78 किमी दूर है और देश का सबसे साफ गांव है। आपको बता दें कि गांव को ‘डिस्कवर इंडिया’ की ओर से 2003 में ‘एशिया का सबसे साफ गांव’ का खिताब मिला था। गांव के पास भले अब ये दर्जा ना हो, पर इसने अपनी स्वच्छता को बरकरार रखा है।
गांव में हर घर में है शौचालय
ट्रैवल ट्राएंगल वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार इस गांव में साक्षारता दर 100 फीसदी है। क्या आप विश्वास करेंगे कि इस गांव के हर घर में साल 2007 से शौचालय है! यहां कोई भी ग्रामीण खुले में शौच नहीं करता। गांव में आपको हर तरफ बांस से बने डस्टबिन देखने को मिल जाएंगे। ये पेड़ के नीचे ही रखी गई हैं, जिससे पेड़ की सूखी पत्तियां सीधे उसी डस्टबिन में गिरें। एक और चौंकाने वाली बात ये है कि जहां शहरों में आपको प्लास्टिक की थैलियां इधर-उधर फेंकी हुई दिख जाएंगी, यहां पर प्लास्टिक बैन है। सिगरेट पर भा पाबंदी है। नियम इतने सख्त हैं कि इन चीजों का ध्यान न रखने वालों को सजा होती है।
खुद से बनाते हैं खाद
रिपोर्ट के मुताबिक ये गांव आत्मनिर्भर भी है। वो ऐसे कि खाद के लिए गांव के लोगों को किसी बाहरी जरिए पर निर्भर नहीं होना पड़ता। वो अपनी खाद खुद बनाते हैं। कूड़े के लिए कंपोस्ट तैयार किया गया है। जमीन में बड़ा गड्ढा बना है, जिसमें सारा कूड़ा डाल दिया जाता है। इसी से खाद बनती है। लोग सिर्फ घर में ही झाड़ू नहीं मारते, घर के बाहर, सड़क पर भी लगा देते हैं। गांव में खासी जनजाति के लोग रहते हैं। यहां पर मांओं को प्राथमिकता मिलती है, इस वजह से यहां के घर मात्र सत्ता का पालन करते हैं।
Sources:News 18
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