यूट्यूबर मनीष कश्यप 9 महीने बाद बेउर मॉडल सेंट्रल जेल से रिहा
यूट्यूबर मनीष कश्यप करीब 9 महीने से जेल में बंद थे। शनिवार के दिन मनीष बेउर जेल से बाहर आ गए। इस दौरान उनके हजारों समर्थकों की भीड़ जुटी थी। समर्थकों ने उनको माला पहनाया और कंधों पर घुमाया। इसके बाद मनीष कश्यप खुले जीप से सभी का अभिवादन करते नजर आए। मनीष कश्यप ने जेल से निकलते ही बिहार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में कंस की सरकार चल रही है। जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप को सभी मामलों में जमानत मिल गई थी। बिहार के रहने वाले कश्यप को कथित फर्जी वीडियो मामले में जेल में डाल दिया गया था।
कश्यप का मामला इस साल मार्च में यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक फर्जी वीडियो के संबंध में दर्ज शिकायत से संबंधित है, जिसमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है और वे राज्य में सुरक्षित नहीं हैं। मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को सिविल कोर्ट से सभी मामलों में 21 दिसंबर को ही जमानत मिल गई।मामला दर्ज होने के बाद कश्यप की तलाश शुरू की गई। इस दौरान उनके घर को भी जब्त कर लिया गया। कुर्की.जब्ती की कार्रवाई के दौरान 18 मार्च 2023 को उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई। 10 नवंबर को मद्रास हाई कोर्ट ने कश्यप के खिलाफ हिरासत के आदेश को रद्द कर दिया।
अदालत ने तमिलनाडु पुलिस द्वारा उन पर एनएसए के तहत लगाए गए आरोप भी हटा दिए थे। मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले का एक कथित फर्जी वीडियो साझा किया था। हालांकि, यह पाया गया कि वीडियो मुख्य आरोपी राकेश रंजन कुमार द्वारा बनाया गया था, जो गोपालगंज जिले का मूल निवासी है और वह पटना में किराए के मकान में रहता था। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। मनीष कश्यप के खिलाफ पटना आर्थिक अपराध इकाई ने 4 मामले दर्ज किये थे। इस मामले में तमिलनाडु में 3 बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो शामिल है। वहीं, तमिलनाडु पुलिस ने कुल 13 मामले दर्ज किए। इनमें से 6 मामलों में मनीष कश्यप को आरोपी बनाया गया। सीजेआई ने अप्रैल में सवाल किया था कि कश्यप के खिलाफ एनएसए क्यों लगाया गया था।
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