वीर बाल दिवस :गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा भारत: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया, उनके साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर समेत अन्य लोग मौजूद थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक मार्च.पास्ट को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘ मुझे खुशी है कि यह सारा कार्यक्रम अब वैश्विक स्तर पर मनाया जा रहा है। संयुक्त अरब अमीरात,न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस कार्यक्रम का जश्न मनाना शुरू कर दिया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जब साहस दिखाने की बात आती है तो उम्र मायने नहीं रखती।’
मोदी ने कहा कि आज देश वीर साहिबजादों के अमर बलिदान को याद कर रहा है, उनसे प्रेरणा ले रहा है। आजादी के अमृतकाल में ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था। तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था। वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वीर बाल दिवस’ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, और ग्रीस में भी वीर बाल दिवस से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी, उनके महान करतूतों से सीखेगी। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चारों साहिबजादों का साहस और आदर्श आज भी भारत के लोगों के दिलों में प्रेरणा और ऊर्जा का संचार करते हैं। तो वीर बाल दिवस उन सच्चे नायकों और उन्हें जन्म देने वाली महान माताओं की बेजोड़ बहादुरी के लिए राष्ट्र की श्रद्धांजलि है!
नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कहा कि जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया, दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया। आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं, तो दुनिया का भी नजरिया बदला है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज का भारत ‘गुलामी की मानसिकता’ से बाहर निकल रहा है। आज के भारत को अपने लोगों पर, अपने सामर्थ्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा पूरा भरोसा है। आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है। आज के भारत में भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान, गोविंद गुरु का बलिदान पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देता है।
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