COP28 में ऐतिहासिक समझौता: हाँ, फ़ोस्सिल फ्यूल से दूरी बहुत ज़रूरी

 


COP28 के अंतिम सत्र मेंफ़ोस्सिल फ्यूल से दूर जाने पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक विशेष सौदे के रूप में ग्लोबल स्टॉकटेक टेक्स्टबिना किसी असहमति के स्वीकार कर लिया गया है। इस टेक्स्ट के स्वीकार होने की घोषणा करते हुए COP28 के अध्यक्ष सुल्तान अल-जबर ने जैसे ही एक गैवेल का प्रतीकात्मक प्रयोग कियावैसे ही पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

 आज सुबह-सुबह जारी किए गए समझौते में 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य के अनुरूप ग्रीनहाउस गैस एमिशन में महत्वपूर्ण और त्वरित कटौती का आह्वान किया गया है। इसमें देशों से आग्रह किया गया है कि वे पेरिस समझौते पर विचार करते हुए अपनी स्थितियों और दृष्टिकोणों के आधार पर अपना योगदान निर्धारित करें। स्टॉक टेक के पिछले संस्करणों के विपरीतइस स्वीकार किए गए टेक्स्ट में पहले की तरह कोयला बिजली उत्पादन को सीमित करने का उल्लेख नहीं है। टेक्स्ट में यह बदलाव भारत और चीन जैसे कोयले पर अत्यधिक निर्भर देशों के विरोध का जवाब हो सकता है।

 सुल्तान अल-जबर ने सभा को संबोधित करते हुए इसे एक मजबूत कार्य योजना बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि योजना का उद्देश्य एमिशनअनुकूलनवैश्विक वित्त और लॉस एंड डेमेज को संबोधित करते हुए ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री के लक्ष्य के भीतर रखना है। ऐतिहासिक दस्तावेज़ एक आठ-सूत्रीय योजना की रूपरेखा तैयार करता हैजिसमें निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से फ़ोस्सिल फ्यूल से दूर जानेइस दशक में कार्रवाई में तेजी लाने और 2050 तक नेट ज़ीरो एमिशन हासिल करने पर जोर दिया गया है। 

ग्लोबल स्टॉकटेक टेक्स्ट की कुछ अहम बातें 

- ग्लोबल स्टॉकटेक के इस स्वीकार किए गये स्वरूप से संकेत मिलता है कि तमाम देश इस बात पर सहमत हैं कि फ़ोस्सिल फ्यूल की जगह क्लीन एनेर्जी का रुख करने और साल 2050 तक वैश्विक स्तर पर नेट ज़ीरो तक पहुंचने की आवश्यकता है।  

- इसमें में 'ट्रांज़िशनफ्यूल का भी ज़िक्र है। यह गैस के संदर्भ में भी हो सकता है। 

- मौजूदा टेक्स्ट देशों से साल 2030 तक रिन्यूबल एनर्जी को तीन गुना करने और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करने का आह्वान करता है।  

- इसमें बेरोकटोक कोयला ऊर्जा को चरणबद्ध तरीके से कम करने की दिशा में प्रयासों में तेजी लाने का आह्वान किया गया है। 

- राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) पर यह कहता है कि साल 2024 के अंत से नई राष्ट्रीय जलवायु प्रतिज्ञाएँ पूरी की जानी चाहिए। 

- जलवायु वित्त पर बहुत महत्व दिखाई देता है और यह एक लिहाज से इस महत्व की आवश्यकता को रेखांकित करता है। इसका अर्थ ये हुआ कि यह साल 2024 में सीओपी के लिए मुख्य एजेंडा आइटम बन जाएगा।  

- अनुकूलन के मामले में इसमें कुछ ठोस नहीं कहा गया है। 

- अमीर देशों द्वारा अपने जंगलों को कार्बन ऑफसेट के रूप में उपयोग करने के लिए गरीब देशों को भुगतान करने का एक महत्वपूर्ण संदर्भ हैजिसने संप्रभुता और समानता के बारे में सवाल उठाए हैं। 

- व्यापार को उन देशों के साथ एक मुद्दे के रूप में उठाया गया है जो वैश्विक जलवायु अनुकूल आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करने वाली निष्पक्ष संरेखित नीतियों पर एक साथ काम करना चाहते हैं। 

-यह टेक्स्ट ब्राज़ील में COP30 से पहले अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर "मिशन 1.5का रोडमैप" निर्धारित करता है। 

विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया 

आरती खोसलानिदेशकक्लाइमेट ट्रेंड्स: 

इस दुबई डील को सकारात्मक माना जा सकता है क्योंकि यह जीवाश्म ईंधन से दूर जाने की आवश्यकता को महत्व देती है। इसमें हालाँकि खामियाँ भी हैंखासकर उत्पादन और खपत में वास्तविक कटौती पर स्पष्टता के मामले में। इस टेक्स्ट में एक लिहाज़ से गैस को 'ट्रांज़िशनफ्यूल के रूप में स्वीकार्यता भी मिली है। इससे एमिशन के मामले में चिंताएँ बढ़ जाती हैं। उम्मीद थी कि सीओपी में जलवायु वित्त पर ध्यान केंद्रित होगा लेकिन असल मायनों में ऐसा कुछ हुआ नहीं। इस वजह से बहुपक्षीय वित्तपोषण में सुधार की मांग कि प्रासंगिकता बढ़ जाती है। 

लिंडा कल्चरकार्यकारी निदेशकस्ट्रेटिजिक पर्स्पेक्टिव्ज़:  

COP28 एक लिहाज़ से यादगार बन चुकी है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता अंततः फोस्सिल फ्यूल के प्रयोग से दूरी बनाने की आवश्यकता को संबोधित करती है। यह फोस्सिल फ्यूल युग के अंत की शुरुआत का प्रतीक हैलेकिन इस टेक्स्ट में अभी भी खामियां हैंसमयसीमा का अभाव हैऔर तेजी से बदलाव के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान करने में कमी है। 

रूथ डेविस, ऑक्सफोर्ड में स्मिथ स्कूल ऑफ एंटरप्राइज एंड एनवायरनमेंट में वरिष्ठ सहयोगी: 

यह समझौता भोजन और प्रकृति पर विशेष रूप से ध्यान देता है। साल 2030 तक वनों की कटाई को रोकने की प्रतिबद्धता और 150 से अधिक देशों द्वारा अपनी जलवायु योजनाओं में भोजन को शामिल करने की प्रतिज्ञा सकारात्मक कदम हैं। अबआवश्यक धन मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। 

अविनाश पर्सौडएमेरिटस प्रोफेसरग्रेशम कॉलेज: 

इस COP को सबसे ऐतिहासिक सम्मेलनों में से एक के रूप में देखा जायेगा। लॉस एंड डेमेज फ़ंड का संचालनग्रीन क्लाइमेट फ़ंड का पुनर्पूंजीकरणऔर रिन्यूबल में निवेश को तीन गुना करने की प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हैं।  

डॉ. अजय माथुरमहानिदेशकअंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन: 

COP28 के घटनाक्रम नेट ज़ीरो एमिशन प्राप्त करने के लिए रिन्यूबल एनर्जी का रुख करने की तात्कालिकता को सामने रखते हैं। सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा तक पहुंच के बिना लाखों लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुएरिन्यूबल एनेर्जी को तीन गुना करने का आह्वान महत्वपूर्ण है। इस परिवर्तन को तेज़ करने के लिए सक्षम तंत्रों और संस्थानों के लिए पर्याप्त निवेश और समर्थन की आवश्यकता है। 

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