सी.पी.डोभाल योग एसोसिएशन द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित

 


देहरादून : कहते हें स्वस्थ शरीर  इंसान की उम्र को छिपा लेता है। इतना ही नहीं स्वस्थ शरीर इंसान के मस्तिष्क में स्वस्थ विचारों को भी जन्म देता है जिससे इंसान चुस्त दुरूस्त रहता है। ऐसे ही देवभूमि उत्तराखण्ड के सी0पी0डोभाल हैं जो अपने जीवन के 74 बसंत पार कर चुके हैं लेकिन फुर्ती ऐसी कि इनके आगे नौजवान भी शरमा जाये। आपको बता दें कि सी0पी0डोभाल वन विभाग में 36 साल सर्वेयर के पद पर अपनी सेवा देने के उपरांत सेवानिवृत्त हुये हैं लेकिन "काम ही पूजा है" के स्लोगन पर आज भी अपनी सेवा के लिए समर्पित हैं। इनकी विभाग में रहते हुए कर्मनिष्ठा और कर्तव्यपरायणता का हर कोई कायल है।

इन्होंने देवभूमि में अपने कर्तव्यनिष्ठा का उस समय परिचय दिया जब देवभूमि में बड़ी तादाद में वनभूमि‌ का जमकर दोहन और अतिक्रमण करके उसे खुर्द-बुर्द किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर वन सम्पदा और वन भूमि को बचाने में इन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई और वन माफियाओं से भूमि छुड़ाने व वचाने की दिशा में साहसिक भूमिका निभाते हुये वन माफियाओं के हौसले पस्त कर दिये। एसी ही शख्सियत हैं सर्वेयर सी पी डोभाल जो अपने सेवाकाल में वन भूमि की रक्षा में अपने विभाग के अधिकारियों से भी अनेकों प्रकरणों में मुखर होकर विरोध प्रकट कर भूमि बचाने में सफल हो चुके हैं।

ऐसी विलक्षण प्रतिभा के धनी सी0पी0डोभाल को उत्तराखंड योगा एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित भट्ट द्वारा गत दिवस मानद उपाधि प्रदान कर गोरवान्वित किया गया।आपको बता दें कि वन विभाग में निरंतर 36 साल सर्वेयर के पद पर सेवा देने वाले देहरादून वन प्रभाग से सेवा निवृत हुए सी0पी डोभाल को उनके सामाजिक कार्यों के लिए व अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए और योग को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए उत्तराखंड योग एसोशिएशन ने मानद उपाधि देकर सम्मानित किया है।सी0पी0डोभाल को वन महकमे में उनके सर्वे कार्य के लिए “बाल की खाल निकालने” वाला सर्वेयर तक कहा जाता था।

अपने कार्यकाल में सी0पी0डोभाल ने ऋषिकेश रैंज के वीरभद्र वन ब्लाक में टिहरी बांध विस्थपिको के पुनर्वास हेतु 680 एकड़ , भारतीय आयुर्वेद संस्थान के लिए 100 एकड़ वन भूमि के हस्तांतरण , ऋषिकेश बस अड्डा विस्तारीकरण हेतु सर्वेक्षण तथा सीमांकन ,थानों रेंज में जोली ग्रांट एरयरपोर्ट हेतु 185 एकड़ (75 हैक्टर), आदि वन भूमियों का सर्वेक्षण तथा सीमांकन करना इनके कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।

राजस्व रिकार्ड में आरक्षित वन को खुर्दबुर्द किए जाने के कई मामले भी ये अपने विभाग के सज्ञान में लाए जैसे आशारोडी रेंज के अंतर्गत ईस्ट होप टाउन की आरक्षित वन भूमि का मामले और हरिद्वार वन प्रभाग के रसियाबड आदि।जहां तक इनकी फिटनेस की बात है तो 74 वर्ष की उम्र में जब लोग आराम करने की सोचते है तो ये इस उम्र में भी प्रदेश की वन भूमियों की सुरक्षा के लिए कार्यरत रहते हैं।सुनने में तो यह भी आया है कि ये बैडमिंटन के भी अच्छे खिलाड़ी रहे है , अभी भी खेल के प्रति ये बच्चों को प्रोत्साहित करते रहते है।

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