‘ जो बोले सो निहाल ’के साथ खुले हेमकुंड के कपाट,पहुंचा पहला जत्था
हेमकुंड साहिब के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शुक्रवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंज प्यारों की अगुवाई और सिख रेजिमेंट की बैंड की धुनों के साथ करीब 2000 श्रद्धालु यात्रा के प्रमुख पड़ाव घांघरिया के लिए रवाना हुए थे।गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह और बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने जत्थे को रवाना किया जो अपराह्न तीन बजे घांघरिया पहुंचा था। इसके बाद 25 मई को सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट विधि-विधान से खोल दिए गए।
शुक्रवार को सुबह छह बजे से गोविंदघाट गुरुद्वारे में गुरुवाणी का पाठ, अरदास, सबद कीर्तन और अखंड पाठ का आयोजन हुआ।इसके बाद सुबह आठ बजे गुरुद्वारे से पंचप्यारों की अगुवाई में श्रद्धालुओं का जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर उत्साह देखने को मिला। गोविंदघाट गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया, शनिवार को घांघरिया से सुबह करीब नौ बजे श्रद्धालुओं का जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचा।
उसके बाद सुबह साढ़े नौ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए गए।यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से यात्रा पड़ावों पर पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए सुरक्षा के दृष्टिगत शुरुआती दिनों में प्रतिदिन 3,500 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड भेजने की सीमा निर्धारित की गई है।
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