पुलिस से नहीं बच पाया तीन लोगों की मौत का गुनहगार, पहुंचा सलाखों के पीछे,

 


देहरादून: राजधानी में दो दिनों में तीन शव मिलने से उत्तराखण्ड पुलिस की पेशानी पर पसीना आ गया था। लेकिन राजधानी के तेज तर्रार एसएसपी अजय सिंह ने 72 धझअे से भी कम समय में इस ब्लाईंड मर्डर केस की गुतथी सुलझा कर गुनगार को दबोच ही लिया। जैसा कि आपको मालूम ही है कि विगत दिनों देहरादून के बड़ोंवाला में महिला ओर दो बच्चियों की लाश मिली थी। इस पूरे मामले का अनावरण करने के बाद पता चला कि ये जघन्य अपराध महिला के प्रेमी ने ही किया था। बहरहाल पटेलनगर पुलिस ने हत्या का खुलासा करते हुए महिला के प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।

थाना पटेलनगर को बडोवाला क्षेत्र में पैट्रोल पम्प से आगे सूखे नाले से बदबू आने की सूचना प्राप्त हुई जिस पर थाना पटेलनगर से पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा, मौके पर सूखे नाले में 2 शव कूडे में पडे हुये थे, जिससे बदबू आ रही थी, पुलिस ने शवो को कब्जे में ले लिया। घटना के सम्बंध में देर शाम पता चलने तथा घटनास्थल के आसपास जंगल होने के कारण जंगली जानवरों का खतरा होने की वजह से फौरन ही घटना स्थल के आस-पास सर्च अभियान नही चलाया जा सका तथा एक पुलिस टीम को निगरानी की लिए घटना स्थल पर नियुक्त किया गया। अगले दिन प्रातः वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्वंय घटना स्थल पर पहुंचकर अपनी निगरानी में घटना स्थल व उसके आस-पास के जंगल में काम्बिंग व सर्च अभियान चलाया , सर्च अभियान के दौरान पूर्व में शव बरामद होने के स्थान से कुछ दूरी पर कूडे का ढेर से तेज दुर्गन्ध आने पर कूड़े को हटाकर देखा गया तो एक अन्य महिला का सडा.गला शव ढेर के नीचे दबा हुआ मिला, जिसे आवश्यक कार्यवाही के लिए मोर्चरी में भिजवाया गया।

घटना स्थल से एक अन्य महिला का शव मिलने से साफ हुआ कि यह सभी शव एक ही परिवार के सदस्यों के हैं।घटना की सवेंदनशीलता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घटना के खुलासे के लिए तत्काल अलग-अलग टीमों का गठन किया , साथ ही पुलिस अधीक्षक नगर के साथ लगातार टीमों के साथ मौजूद रहकर मॉनिटरिंग की गई। गठित टीमों ने जनपद के सभी थानों व आस पास के जनपदों मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर आदि स्थानो पर विगत कुछ दिनों में किसी महिला व उसके बच्चियों की गुमशुदगी के सम्बन्ध में जानकारी की गई परन्तु देहरादून, मुजफ्फरनगर तथा सहारनपुर के किसी थाने में ऐसे किसी गुमशुदगी का दर्ज होना नहीं पाया गया। हालांकि बिजनौर में एक दो थाना क्षेत्रों में महिला व उसकी बच्चीयों की गुमशुदगी दर्ज होने की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई, जिस पर तत्काल एक टीम को बिजनौर रवाना कर गुमशुदगियों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त की गई।

घटनास्थल के आसपास सर्च अभियान के दौरान कुछ दूरी पर पुलिस को एक ब्लू डार्ट कम्पनी का नीले रंग का बैग मिला, जिसमें महिला व बच्चों के कपडे व अन्य सामग्री रखी हुई थी, जो इन शवों के ही प्रतीत हो रहे थे। पास ही एक पर्पल कलर का बैग भी पुलिस टीम को प्राप्त हुआ तथा घटना स्थल के पास मौजूद टिम्बर लाइन फैक्ट्री के आसपास एक रोडवेज बस का टिकट नेहटौर से देहरादून का बरामद हुआ, जो एक बालिग व एक नाबालिग का था, जिस पर फैक्ट्री के अन्दर चैक करने पर पुलिस टीम को ब्लू डार्ट कम्पनी के वैसे ही नीले रंग के थैले बरामद हुए, जिस पर पुलिस टीम ने फैक्ट्री में कार्यरत कर्मियों के सम्बंध में जानकारी करने पर पुलिस टीम को मौके पर नेहटौर का ही रहने वाला एक फैक्ट्री कर्मी मिला, शक होने पर पुलिस टीम ने उस व्यक्ति हसीन पुत्र नसीम को पूछताछ के लिए चौकी पर लाया गया,जहां सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अवैध सम्बंधो के चलते महिला व उसके बच्चों की हत्या करना स्वीकार किया । आरोपी को पुलिस टीम ने मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ पर हसीन ने बताया कि वह बिजनौर का रहने वाला है तथा बढोवाला में टिम्बर ली फर्नीचर फैक्ट्री में कार्य करता है, वह तलाकशुदा है और मृतका रेश्मा से पिछले 2 वर्षो से उसका प्रेमप्रसंग चल रहा था तथा रेश्मा उस पर लगातार शादी करने तथा साथ रहने का दबाव बना रही थी। रेशमा समय-समय पर उससे खर्चो के लिये पैसो की मांग करती रहती थी, जिस पर परेशान होकर उससे पीछा छुडाने का प्रयास किया , परन्तु वह लगातार उसे फोन तथा मैसेजो के माध्यम से अपने साथ रखने की जिदद कर रही थी, जिस पर आरोपी ने देहरादून में कमरा ढूंढने तथा उसके बाद बुलाने की बात कहकर लगातार टालता रहा ,गत 23 जून की शाम मृतका अपनी पुत्री आयत तथा आयशा के साथ आईएसबीटी आ गयी तथा आरोपी को फोन कर अपने देहरादून आने की जानकारी दी, जिस पर आरोपी ने उससे पीछा छुडाने के लिये उसे रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

तथा अपनी मोटर साइकिल संख्या यूपी 20 बीई 9915 गलैमर से उसे लेने आईएसबीटी पहुंचा तथा रेशमा व उसके दोनो बच्चो को लेकर सीधे टीम्बर ली फैक्ट्री में गया, जहां उन्हें रात्री मे सुलाने के पश्चात आरोपी ने पहले मृतका रेश्मा का गला दबाकर उसकी हत्या की तथा उसके बाद दोनो बच्चियो की मुंह व नाक दबाकर हत्या कर दी उसके पश्चात तीनो के शवो को टिम्बर ली फैक्ट्री के पीछ कूढे के ढेर में फेंक दिया व स्वंय जाकर शवों को कूढे के ढेर के नीचे दबा कर छुपा दिया व मृतकों के कपडे ब्लू डार्ट कम्पनी के नीले थैले में डालकर फेंक दिये व मृतका का बैग भी कूड़े के ढेर से कुछ दूरी पर फेंक दिए तथा मृतका का मोबाइल व उसके घर की चाबी अपने पास छुपा दी थी। मृतको के शवो को फॉम के गददों आदि से लपेटकर रखा था, जिस कारण मृतकों के शव फूल गये थे।

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