राहुल गाांधी को मिली राहत, इस मामले में कोर्ट से मिली जमानत
बेंगलुरु की एक अदालत ने मुख्यधारा के समाचार पत्रों में अपमानजनक विज्ञापन जारी करने के लिए भाजपा की कर्नाटक इकाई द्वारा दायर एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को जमानत दे दी। पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले दिए गए विज्ञापन में राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार पर 2019-2023 के शासनकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया गया था।
कांग्रेस ने सभी सार्वजनिक कार्यों के निष्पादन के लिए 40 प्रतिशत कमीशन वसूलने का आरोप लगाते हुए विज्ञापन में पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए ‘ भ्रष्टाचार रेट कार्ड ’ भी जारी किया। भाजपा एमएलसी और महासचिव केशव प्रसाद ने मानहानि का मामला दायर किया था और दावा किया था कि डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया और राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ झूठे विज्ञापन दिए थे।
1 जून को अदालत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मानहानि मामले के संबंध में अदालत में पेश होने के बाद जमानत दे दी। भाजपा के वकील विनोद ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने एक विज्ञापन प्रकाशित कर कहा था कि बीजेपी संकटमोचक सरकार है, यह झूठा आरोप है। हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया, इनमें से दो को जमानत मिल गई है।
राहुल गांधी ने चुनाव के आखिरी चरण का हवाला देते हुए छूट मांगी। आज उन्होंने अदालत के सामने पेश होने का वादा किया। कर्नाटक की भाजपा इकाई ने अदालत से राहुल गांधी के खिलाफ 1 जून को उपस्थित नहीं होने के लिए गैर.जमानती वारंट जारी करने की मांग की थी, जबकि कांग्रेस ने कहा था कि राहुल विज्ञापन के प्रकाशन में शामिल नहीं थे।
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