बिहार का ये गुप्त कमरा, यहां छुपा है अरबों का खजाना! खुलते ही तबाह ये शहर

 


अजब-गजब : बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित सोन भंडार गुफा में एक रहस्यमय खजाना छुपा हुआ है, जिसे हर्यक वंश के प्रथम राजा बिम्बिसार की पत्नी ने छिपाया था. इतिहासकारों के अनुसार, बिम्बिसार की पत्नी ने राजा के खजाने को जप्ती से बचाने के लिए इस गुफा में छिपाया था, जब बिम्बिसार को उनके पुत्र अजातशत्रु ने बंदी बना लिया था. सोन भंडार गुफा में दो मुख्य कमरे हैं. पहले कमरे का आकार 10.4 मीटर लंबा और 5.2 मीटर चौड़ा है,

जिसमें खजाने की रक्षा के लिए सिपाही तैनात रहते थे. इस कमरे से एक और गुप्त कमरे तक पहुंचा जा सकता है, जिसे एक बड़ी चट्टान से ढका गया है. यह खजाना इस चट्टान के पीछे छिपा माना जाता है. लेकिन इसे खोलने में अब तक कोई सफल नहीं हो पाया है. बताया जाता है कि शंखलिपी में छिपी भाषा से ही इसे डिकोड किया जा सकता है. वहीं स्थानीय कर्मचारी लोकल 18 को बताते हैं कि सरकार इसका संरक्षण इसलिए करती है, क्योंकि अगर इसकी खुदाई की गई या गुफा तोड़ा गया, तो 50 कोश तक ज्वालामुखी फटेगा और उससे राजगीर तबाह हो जाएगा. भीम ने तोड़ा था 60 हजार हाथियों के बल वाले जरासंध का घमंड, कृष्ण के रथपहिये का आज भी यहां निशान मौजूद

गुफा के बाहर मिलता है संकेत


ब्रिटिशों ने भी इस रहस्यमयी खजाने तक पहुंचने के प्रयास किया था. तोप के गोले का उपयोग करके इस कमरे को खोलने की कोशिश की गई, लेकिन वे असफल रहे. आज भी गुफा पर गोले के निशान देखे जा सकते हैं. गुफा की दीवार पर शंख लिपि में कुछ लिखा हुआ है, जो खजाने के रहस्यों को उजागर करने का संकेत माना जाता है. लेकिन इसकी भाषा और अर्थ अभी तक अज्ञात है. सोन भंडार गुफा के आस-पास अन्य प्राचीन गुफाएं भी हैं, जिनमें मौर्यकालीन और गुप्त राजवंशीय कलाकृतियां देखने को मिलती है.

बिम्बिसार, जिन्होंने 543 ईसा पूर्व में मात्र 15 वर्ष की आयु में मगध की गद्दी संभाली, ने तबके राजगृह (अब राजगीर) का निर्माण कराया था. वायु पुराण के अनुसार, हर्यक वंश के शासनकाल से लगभग 2500 वर्ष पूर्व मगध पर सम्राट वृहद्रथ का शासन था, जिनके बाद उनके पुत्र जरासंध ने गद्दी संभाली. जरासंध को चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिए 86 राज्यों को परास्त करने का श्रेय प्राप्त है. राजगीर की सोन भंडार गुफा, इसके रहस्यमयी खजाने और ऐतिहासिक महत्व के कारण एक आकर्षक गंतव्य बनी हुई है, जो प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति एक महत्वपूर्ण कड़ी प्रस्तुत करती है.

Sources:news 18

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