पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा ने दी हिंदी दिवस की शुभकामाएं

 


नई दिल्ली: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है, जिसके जरिए हिंदी का प्रचार-प्रसार किया जाता है। हिंदी दिवस को आज के दिन इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 14 सितंबर को ही 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इसके बाद 1953 में राजभाषा प्रचार समिति ने इस दिन को मनाने का फैसला किया। इस दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ हिंदी दिवस पर सभी देशवासियों को बहुत.बहुत शुभकामनाएं।

’’केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी के 75 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में अमित शाह ने लिखा कि सभी भारतीय भाषाएं हमारा गौरव और विरासत हैं और उन्हें समृद्ध किए बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते। अमित शाह ने हिंदी में पोस्ट किया, ‘ सभी भारतीय भाषाएं हमारा गौरव और विरासत हैं, उन्हें समृद्ध किए बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते। राजभाषा हिंदी का हर भारतीय भाषा के साथ अटूट रिश्ता है।

इस वर्ष हिंदी ने देश की राजभाषा के रूप में जनसंचार और राष्ट्रीय एकता के 75 वर्ष पूरे किए हैं। मुझे विश्वास है कि सभी भारतीय भाषाओं को साथ लेकर राजभाषा हिंदी विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अपना योगदान देती रहेगी।’ बता दें कि केंद्रीय मंत्री शनिवार को ‘ भारतीय भाषा अनुच्छेद ’ का भी उद्घाटन करेंगे जिसका उद्देश्य हिंदी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देना तथा उनके बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

नड्डा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि हिंदी भावनाओं का सशक्त वाहक है और इसने राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘ हमारी भावनाओं की सशक्त संवाहक हिंदी ने देश के विविध समाज और संस्कृति को एक सूत्र में बांधकर तथा शास्त्र, साहित्य, संगीत आदि माध्यमों से अपनी अभिव्यक्ति देकर राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक लोगों के बीच संवाद का यह माध्यम हमारी अमूल्य संपत्ति है। आइए, हम सब मिलकर राजभाषा हिंदी सहित देश की सभी समृद्ध भाषाओं को बढ़ावा देने का संकल्प लें।’

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