संभल: खुदाई में मिली रानी की बावड़ी,,1857 से जुड़ रहे हैं तार

 


संभल: जिले की चंदौसी तहसील के लक्मन गंज इलाके में 400 वर्ग मीटर की लगभग 150 साल पुरानी बावड़ी की खोज की गई है। इसके बारे में माना जाता है कि यह 1857 के विद्रोह के समय की है। संभल प्रशासन को शनिवार को संरचना के बारे में पता चला जिसके बाद खुदाई का काम शुरू हुआ, लेकिन उसी शाम बंद कर दिया गया और रविवार सुबह फिर से शुरू किया गया। सफाई एवं खाद्य निरीक्षक, चंदौसी नगर पालिका प्रियंका सिंह ने बताया कि टीम यहां काम कर रही है और खुदाई मैन्युअल रूप से की जा रही है।

40-50 मजदूर मैन्युअल रूप से काम कर रहे हैं क्योंकि हम काम के लिए मशीनरी का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि इससे संरचना को नुकसान हो सकता है। संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया को बावड़ी के बारे में तब पता चला जब एक स्थानीय निवासी कौशल किशोर, जो सनातन सेवक संघ नामक संगठन के पदाधिकारी भी हैं, ने शनिवार को डीएम को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्हें बावड़ी के बारे में बताया गया।

डीएम के मुताबिक बावड़ी के पास ही बांकेबिहारी का मंदिर भी स्थित है और वह जीर्ण-शीर्ण हालत में है। रविवार सुबह जिलाधिकारी और संभल प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और खुदाई का काम फिर से शुरू कराया। अर्थमूवर्स द्वारा एक घंटे से अधिक की खुदाई के बाद आबादी वाले क्षेत्र में भूमि के एक खुले भूखंड के नीचे बावड़ी की खुदाई की गई। संभल प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि बावड़ी की सही अवधि का पता नहीं लगाया जा सका है। रविवार शाम तक हुई खुदाई के बाद बावड़ियों और चार कमरों की दीवारें नजर आईं। जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने कहा, ‘ प्राचीन संरचना को बहाल करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।’

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