सर्दी में शराब-सिगरेट के ओवरडोज से होश खो रहा दिमाग

 


कानपुर: शराब और सिगरेट का ब्रेन अटैक से सीधा संबंध है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो साइंसेस विभाग में आए ब्रेन अटैक के 250 रोगियों के ब्योरे का अध्ययन किया गया तो पता चला कि इनमें 117 रोगी ऐसे थे जो शराब या सिगरेट पीते थे। 41 दोनों का सेवन करते थे। इन रोगियों में कई ऐसे थे जिनको डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की भी समस्या थी। न्यूरो साइंसेस विभाग में दो साल में ठंड के दौरान आए 30 से 55 साल आयु वर्ग के रोगियों की लाइफ स्टाइल और खानपान के ब्योरे का अध्ययन किया गया है।

अध्ययन में पता चला कि ठंड दूर करने के लिए लोग शराब दोगुना और सिगरेट तीन गुना पीने लगते हैं। 250 में 52 रोगी ऐसे थे जो शराब पीते थे और 65 रोगी सिगरेट का सेवन करते थे। 98 रोगियों को डायबिटीज, 125 को ब्लड प्रेशर की समस्या थी। 72 को दोनों दिक्कतें थीं। न्यूरो साइंसेस विभाग के प्रमुख डॉ0 मनीष सिंह ने बताया कि रोगियों के अध्ययन में ब्रेन अटैक के चार कारण मुख्य निकले। 80 फीसदी रोगियों में ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, शराब और सिगरेट कारण मिला है।

लोगों को यह भ्रम रहता है कि शराब और सिगरेट पीने से ठंड कम होती है। इस वजह से उन लोगों ने इनका सेवन अधिक कर दिया। इससे ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर भी बढ़ गई। रोगियों ने ब्लड प्रेशर की दवाओं को नियमित नहीं लिया। इससे भी ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ गया। खून का थक्का बनने से रोगियों को ब्रेन अटैक पड़ गया है।15 रोगियों को दोबारा पड़ा ब्रेन अटैक डॉ0 सिंह ने बताया कि इनमें 15 रोगी ऐसे रहे हैं जिन्हें दोबारा ब्रेन अटैक पड़ा। पहली बार हल्का अटैक आने से उनका मुकम्मल इलाज हो गया लेकिन बाद में उसी रूटीन पर चलते रहे जिसकी वजह से दोबारा अटैक पड़ गया। इलाज से जान तो बच गई लेकिन आधे अंग में कमजोरी आ गई।

इसके अलावा इनमें कोई भी रोगी ब्रेन अटैक पड़ने के बाद गोल्डन ऑवर में अस्पताल नहीं पहुंचा था। अटैक पड़ने के बाद देर से अस्पताल पहुंचे।ब्लड प्रेशर की नहीं कराई नियमित जांचडॉ0 मनीष ने बताया कि रोगियों ने अपने ब्लड प्रेशर की नियमित जांच नहीं कराई। जब दवाओं से ब्लड प्रेशर सामान्य हो गया तो इन लोगों ने बेफिक्री में दवाओं का सेवन छोड़ दिया। वे समझे कि बीपी अब सामान्य हो गया है। दवा छोड़ने के बाद बीपी बढ़ गया और ब्रेन अटैक की नौबत आ गई। मौसम के लिहाज से दवा की खुराक भी नहीं बदली गई। गर्मी की खुराक रोगी जाड़े में भी लेते रहे। खानपान पर नियंत्रण न रखने से भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ता गया।

ब्रेन अटैक के ये कारण भी

हृदय रोग, धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव, हाई कोलेस्ट्रॉल, नसों में सिकुड़न, मोटापा

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