हर्षिल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी,मुखीमठ में की मां गंगा की पूजा

 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखण्ड के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुरुवार को मुखवा में मां गंगा के शीतकालीन निवास स्थान पर पूजा.अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी थे, जिन्होंने देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मुखवा में बर्फ से ढके पहाड़ों की अद्भुत सुंदरता का भी आनंद लिया और वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया। राज्य के मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा मुखीमठ को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और राज्य की सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को मजबूत करने के लिए आवश्यक है।

सीएम धामी ने कहा, ‘मुखवा में इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनकर हम सभी गौरवान्वित हैं। समस्त प्रदेशवासियों की ओर से यशस्वी प्रधानमंत्री जी का देवभूमि उत्तराखंड के शीतकालीन प्रवास पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।’ प्रधानमंत्री मोदी ट्रेक और बाइक रैली को हरी झंडी दिखाएंगे और हरसिल में एक सार्वजनिक समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे। अपने दौरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य में पर्यटन को विकसित करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

इसी सिलसिले में कल सुबह करीब साढ़े नौ बजे मुखवा में मां गंगा की पूजा.अर्चना करने का अवसर प्राप्त होगा। इसके बाद हर्षिल में अपने परिजनों से संवाद करूंगा।’ प्रधानमंत्री ने मुखवा मंदिर की अपनी यात्रा के बारे में भी उत्साह व्यक्त किया, जो अपने आध्यात्मिक महत्व और अद्भुत सुंदरता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा, ‘पावनी एवं पावनी मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखवा के दर्शन कर मैं अत्यंत उत्साहित हूं। यह पावन स्थल अपनी आध्यात्मिक महत्ता एवं अद्भुत सौंदर्यता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इतना ही नहीं, यह ‘विरासत भी, विकास भी’ के हमारे संकल्प का अनूठा उदाहरण है।’ उत्तराखंड सरकार ने इस साल शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम शुरू किया है। हज़ारों श्रद्धालु पहले ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के शीतकालीन स्थलों की यात्रा कर चुके हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय अर्थव्यवस्था, होमस्टे और पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देना है।

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