18 से 20 अप्रैल तक तेज हवाएं, ओलावृष्टि और बारिश की चेतावनी

 


देहरादून : मौसम विभाग ने 18 अप्रैल को उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल जिलों के विभिन्न हिस्सों में गरज चमक और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने या बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान हवा की स्पीड 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है।19 अप्रैल को उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोडा, चम्पावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल जिलों के विभिन्न हिस्सों में गरज चमक और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने या बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चल सकती हैं।

कहीं कहीं हवा की स्पीड 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक देखी जा सकती है।मौसम विभाग ने 20 अप्रैल को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, देहरादून, पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोडा, चम्पावत, नैनीताल, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल जिलों के विभिन्न हिस्सों में गरज चमक और तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ने या बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चलने का अनुमान है।वहीं राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भी खराब मौसम को देखते हुए आने वाले तीन दिनों में प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर अधिकारियों को सावधानी बरतने की नसीहत दी गई है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र के अनुसार, मौसम विभाग की ओर से आगामी 18 से 20 अप्रैल तक खराब मौसम की चेतावनी जारी की गई है।इस दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में ओले गिरने, तेज हवाओं के साथ बरसात का पूर्वानुमान जारी किया गया है। इस दौरान तराई से लेकर पहाड़ों में ओलावृष्टि के साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से हवाएं के चलने की आशंका व्यक्त की गई है।प्राधिकरण की ओर से ड्यूटी आफिसर डॉ. वेदिका पंत की ओर से देर शाम को जारी पत्र में कहा गया है कि इस दौरान आपदा प्रबंधन के आईआरएस प्रणाली से जुड़े समस्त अधिकारी और नोडल अधिकारी हाई अलर्ट में रहें।अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में तैनात रहें।

इस दौरान अधिकारियों का मोबाइल फोन 24 घंटे खुला रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही इस दौरान हरसंभव एहतियात बरतने को कहा गया है। राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।पुलिस थाना और चौकियों को भी आपदा संबंधी उपकरणों के साथ हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रों की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूलों और विद्यालयों में सुरक्षा बरतने की बात कही गई है। यही नहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाने और अनुमति नहीं देने की बात स्पष्ट रूप से कही गई है।

 

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