लश्कर की खूनी साजिश बेनकाब:सैफुल्लाह कसूरी ने रची 28 मौतों की पटकथा
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में कम से कम 28 लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में 25 पर्यटक, एक स्थानीय निवासी और दो भारतीय मूल के विदेशी नागरिक शामिल हैं। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में नागरिकों पर अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला बताया जा रहा है।
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि "द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)" ने ली है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस सुनियोजित हमले की साजिश लश्कर के शीर्ष कमांडर सैफुल्लाह कसूरी, उर्फ़ खालिद, ने रची थी। कसूरी को लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद के करीबी और सबसे भरोसेमंद फील्ड कमांडरों में गिना जाता है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सैन्य वर्दी पहने बंदूकधारियों ने दोपहर करीब 2:30 बजे पर्यटकों पर हमला किया। हमलावरों ने कथित तौर पर पीड़ितों की पहचान उनके धर्म और राष्ट्रीयता के आधार पर की और कई मामलों में पुरुष पर्यटकों को अपनी पैंट उतारने पर मजबूर किया गया ताकि उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि की जा सके। कई जीवित बचे लोगों ने दावा किया कि हमलावरों ने गोली चलाने से पहले लोगों से कलमा पढ़ने को कहा।
हमले के बाद घाटी में दहशत फैल गई और राष्ट्रीय स्तर पर शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस क्रूर हमले की कड़ी निंदा की है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
सुरक्षा बलों — विक्टर फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और विशेष बलों — ने मिलकर पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, हमले में शामिल पांच से छह आतंकी हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से आए थे और कसूरी ने हमले का समन्वय दूर बैठकर किया।
कसूरी का नाम पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय खुफिया रिपोर्ट्स में आ चुका है और वह लश्कर के वैचारिक और लॉजिस्टिक संचालन में अहम भूमिका निभाता रहा है। उसे एलओसी पार से आतंकियों की घुसपैठ कराने का विशेषज्ञ माना जाता है।देशभर में इस हमले को लेकर भारी आक्रोश है, और आम जनता त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रही है।
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