राज्य में अवैध मदरसों पर शिकंजा, पारदर्शिता और पंजीकरण पर जोर

 


देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में बिना पंजीकरण चल रहे अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले डेढ़ महीने से चल रहे अभियान के तहत अब तक राज्यभर में 173 अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य को किसी भी प्रकार की अवैध, असंवैधानिक और समाज को तोड़ने वाली गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा।

500 से ज्यादा मदरसे अवैध, सरकार का सर्वे खुलासा

राज्य में वर्तमान में 452 मदरसे मदरसा शिक्षा बोर्ड में पंजीकृत हैं, जो शासन को नियमित रिपोर्ट देते हैं। हाल ही में सरकार द्वारा कराए गए विशेष सर्वे में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि 500 से अधिक मदरसे बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। इन मदरसों की न तो कोई आधिकारिक मान्यता है और न ही ये सुरक्षा व शैक्षणिक मानकों का पालन करते हैं।

हवाला फंडिंग की भी जांच

सरकार ने न सिर्फ इन अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, बल्कि यह भी जांच की जा रही है कि क्या इनमें से कुछ को हवाला या अन्य संदिग्ध स्रोतों से फंडिंग तो नहीं हो रही। इसके साथ ही मदरसा बोर्ड की पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सख्त बनाने की तैयारी भी चल रही है।

जिलेवार कार्रवाई की स्थिति

अब तक सील किए गए मदरसों की जिलेवार संख्या इस प्रकार है:

जिलासील किए गए मदरसे
ऊधम सिंह नगर65
देहरादून44
हरिद्वार43
नैनीताल18
पौड़ी2
अल्मोड़ा1

मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है – राज्य में हर शैक्षिक संस्था वैध रूप से पंजीकृत हो, उनके संचालन में पारदर्शिता हो और वे किसी भी प्रकार की कट्टरता या असंवैधानिक गतिविधियों का केंद्र न बनें। जो भी मदरसे नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

यह अभियान राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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