उत्‍उतराखंड के अस्‍पतालों में होगी "रक्त गरुड़" की तैनाती

 


देहरादून : जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में भर्ती मरीजों को खून की जरूरत पड़ने पर तीमारदारों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। अगले माह से अस्पताल में 'रक्त गरुड़' तैनात रहेगा।जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर ब्लड के लिए एक डेडिकेटेड वाहन मिलने जा रहा है। इसके अलावा अस्पताल में ब्लड बैंक का निर्माण भी तेज गति से चल रहा है। जिसकी इसी साल शुरुआत हो जाएगी। मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर स्थित ऋषिपर्णा सभागार में जिला चिकित्सालय की चिकित्सा प्रबंधन समिति की संचालक मंडल की प्रथम त्रैमासिक बैठक आयोजित हुई।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कई नए प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस दौरान पिछले वित्तीय वर्ष का आय-व्यय विवरण और चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्यों के बजट का भी अनुमोदन किया गया। अस्पताल में फार्मेसिस्ट की आवश्यकता, डीएम ने आउटसोर्स से तत्काल इसकी व्यवस्था की। जिला चिकित्सालय (गांधी शताब्दी अस्पताल) में शुरू किए गए एसएनसीयू वार्ड में बेड संख्या बढ़ने जा रही है। फिलहाल एसएनसीयू में छह बेड संचालित किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने इसे बढ़ाकर 12 बेड करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

कहा कि इसके लिए जल्द व्यवस्था बनाई जाए। बता दें कि जिलाधिकारी के व्यक्तिगत प्रयास से ही अस्पताल में एसएनसीयू की शुरुआत की जा सकी है।जिला चिकित्सालय में मरीजों का खाना उपलब्ध कराने के लिए ठेके पर चल रही कैंटीन बंद होगी। अब हिलांस कैंटीन के माध्यम से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। यह किचन महिला स्वयं सहायता समूह संचालित करेंगे।यह किचन महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से संचालित होगा। इसके लिए जिलाधिकारी ने सीडीओ को जिम्मेदारी दी है।

हिलांस कैंटीन जिला प्रशासन की नई पहल है, जिसके अंतर्गत कलक्ट्रेट, जिला चिकित्सालय, गुच्चूपानी पर्यटन स्थल पर भोजन मिलेगा।मसूरी अस्पताल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व जिला चिकित्सालय में तैनात एनेस्थेसिस्ट के कामकाज की जिलाधिकारी ने रिपोर्ट मांगी है। जिलाधिकारी ने इन अस्पतालों से प्रसव में अधघिक रेफरल पर कड़ी नारजागी व्यक्त की। इन चिकित्सकों के क्रियाकलाप की विस्तृत जांच के आदेश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए हैं।

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