"दिशाहीन कांग्रेस" बनाम "बेबस भाजपा नेता"? उत्तराखंड में शुरू सियासी जंग!

 


देहरादून : उत्तराखंड की सियासत में जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस में बड़ा विभाजन देखने को मिलेगा। इस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने पलटवार करते हुए कहा कि "खा पीकर खिसकने वाले कांग्रेस की चिंता न करें।"

दिनेश अग्रवाल का बयान:

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व का रवैया बेहद निराशाजनक है, और इससे पार्टी में पलायन बढ़ा है। उन्होंने कहा, "मैंने कांग्रेस में 55 वर्षों तक मेहनत और कर्मठता से जो सफलता पाई, वह किसी की खैरात नहीं थी। 1968 में जब मैंने कांग्रेस की सदस्यता ली थी, तब वर्तमान कांग्रेस नेताओं का जन्म भी नहीं हुआ था।"

उन्होंने कांग्रेस के हालिया महाधिवेशन को भी "दिशाहीन और निराशाजनक" बताया और कहा कि उनके जाने के बाद पार्टी की हालत और ज्यादा खराब हुई है। अग्रवाल ने कहा, “कांग्रेस अब देश को दिशा देने में सक्षम नहीं है।”

करन माहरा का जवाब:

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने अग्रवाल के बयानों पर तीखा पलटवार करते हुए कहा, “अग्रवाल जैसे नेता कांग्रेस में नहीं हैं, जिनके पैर खुद कमजोर हैं। पार्टी ने उन्हें मंत्री बनाया, पूरा सम्मान दिया, लेकिन उन्होंने भाजपा की शरण में जाकर भरोसा तोड़ा।”

माहरा ने आगे कहा कि भाजपा में दिनेश अग्रवाल की कोई पूछ नहीं है, इसलिए वह अब कांग्रेस की चिंता कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “उन्हें यह भ्रम है कि उनके जाने से देहरादून में कांग्रेस कमजोर हुई है। लेकिन हकीकत ये है कि कांग्रेस ने मंगलौर और बदरीनाथ उपचुनाव में जीत हासिल की है और नगर निकाय चुनावों में भी बेहतर प्रदर्शन किया है।”

माहरा की सलाह:

करन माहरा ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “अब दिनेश अग्रवाल को 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की चिंता करनी चाहिए, न कि कांग्रेस की।

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