सुखबीर सिंह बादल को मिला नया कार्यकाल, अकाली दल में मतभेद गहराए
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने एक बार फिर से सुखबीर सिंह बादल को अपना अध्यक्ष चुन लिया है। शनिवार को आयोजित एक चुनावी बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया, जिसमें बादल को पार्टी के वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंदर की जगह पर फिर से नियुक्त किया गया। यह उनके लिए अध्यक्ष पद पर एक और कार्यकाल होगा।
एसएडी ने सोशल मीडिया मंच 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "पंजाब के विकास पुरुष सुखबीर सिंह बादल को शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष बनने पर बधाई। सुखबीर सिंह बादल पंथ और पंजाब के अधिकारों की दृढ़ता से रक्षा करें और पंजाब को फिर से समृद्ध बनाएं।"
हालांकि, इस निर्णय के खिलाफ पार्टी और सिख समुदाय के भीतर विरोध के स्वर भी उभरे हैं। विद्रोही गुटों ने आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व अब नैतिक अधिकार खो चुका है। सिख धर्मगुरुओं द्वारा इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।
बादल के समर्थक गुट ने अकाल तख्त से निर्देश लेने की बजाय पार्टी कार्यसमिति के अंतर्गत सदस्यता अभियान चलाया। माना जा रहा है कि इसका उद्देश्य भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के उल्लंघन से बचना था, ताकि पार्टी की मान्यता खतरे में न पड़े।इस कदम को विद्रोही गुटों ने अकाल तख्त के आदेशों की अवहेलना करार दिया, फिर भी बादल गुट ने सदस्यता अभियान जारी रखा और अपने प्रतिनिधियों का चुनाव किया।
इस बीच, कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अकाली दल की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने सदस्यता डेटा में पारदर्शिता की कमी और पार्टी के आंतरिक संघर्ष का हवाला देते हुए प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है।शिरोमणि अकाली दल की यह आंतरिक खींचतान आने वाले चुनावों में पार्टी की रणनीति और छवि पर बड़ा असर डाल सकती है।
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