"भारत और गर्मी: प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग का प्रतीक"
(सलीम रज़ा)
भारत विविध जलवायु, विस्तृत भौगोलिक विस्तार और प्राकृतिक विविधता के कारण दुनियाभर के प्रवासी पक्षियों के लिए एक आदर्श गंतव्य बन गया है। सामान्यत: जब हम प्रवासी पक्षियों के आगमन की बात करते हैं, तो ठंडे देशों से सर्दियों में भारत आने का जिक्र होता है। परंतु कई पक्षी प्रजातियाँ गर्मियों में भी भारत का रुख करती हैं। आखिर गर्मी के मौसम में भारत उनके लिए इतना आकर्षक क्यों बन जाता है? आइए विस्तार से समझते हैं:
1. विविध पारिस्थितिकी तंत्रों की उपलब्धता
भारत के पास हिमालयी बर्फ से लेकर रेगिस्तान, दलदली क्षेत्र, विशाल नदियाँ, झीलें, घास के मैदान और सघन वन क्षेत्र हैं। गर्मियों में भी इन पारिस्थितिक तंत्रों में पानी और भोजन की उपलब्धता बनी रहती है। प्रवासी पक्षी जैसे कि अमूर फाल्कन, कॉमन कुक्कू, और ब्लू-थ्रोट इन स्थलों में आसानी से भोजन (कीट, मछलियाँ, छोटे जीव) और सुरक्षित प्रजनन स्थल पा लेते हैं।
2. अनुकूल तापमान और जलवायु
कई प्रवासी पक्षी साइबेरिया, उत्तरी यूरोप और मंगोलिया जैसे क्षेत्रों से आते हैं, जहाँ गर्मियों में तापमान बहुत अधिक बढ़ सकता है या कभी-कभी चरम मौसमी अस्थिरता देखी जाती है। इसके मुकाबले भारत के कई हिस्सों, विशेषकर ऊँचाई वाले इलाकों (जैसे हिमालय के तराई क्षेत्र) या पूर्वोत्तर भारत में गर्मी अपेक्षाकृत मध्यम होती है, जो पक्षियों के लिए बेहतर आरामदायक वातावरण प्रदान करती है।
3. प्रजनन के लिए उपयुक्त स्थान
गर्मी का मौसम कई पक्षी प्रजातियों के लिए प्रजनन काल होता है। भारत में दलदली क्षेत्रों, घने जंगलों और शांत झीलों के किनारे सुरक्षित घोंसला बनाने की भरपूर जगह मिलती है। उदाहरण के लिए, ओपनबिल्ड स्टॉर्क और ब्लैक-नेक्ड स्टॉर्क भारत के उष्णकटिबंधीय जलाशयों के पास बड़े पैमाने पर अपने घोंसले बनाते हैं।
4. भोजन की भरपूर उपलब्धता
गर्मी के मौसम में भारत में कीट-पतंगों की भरमार होती है। कई प्रवासी पक्षी जैसे कि स्विफ्ट, वागटेल और वार्बलर इस मौसम में कीटों और छोटे जीवों का शिकार कर अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। जलाशयों में मछलियों की संख्या भी बढ़ जाती है, जिससे मछली खाने वाले पक्षियों के लिए भोजन की कोई कमी नहीं रहती।
5. पारंपरिक प्रवास पथ और अनुकूलन
हजारों वर्षों के दौरान, पक्षियों ने अपने प्रवास के लिए विशिष्ट मार्ग (Migration Routes) विकसित कर लिए हैं। भारत का स्थान "Central Asian Flyway" और "East Asian–Australasian Flyway" के महत्वपूर्ण केंद्र में आता है। गर्मियों के दौरान भारत इन मार्गों पर पड़ने वाले एक सुरक्षित विश्राम स्थल की तरह काम करता है, जिससे यह प्रवासी पक्षियों के लिए प्राकृतिक पसंद बन गया है।
6. संरक्षण प्रयास और संरक्षित क्षेत्र
भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्थापित अनेक राष्ट्रीय उद्यान, पक्षी अभयारण्य और जैव विविधता संरक्षण परियोजनाएँ प्रवासी पक्षियों को गर्मी के मौसम में भी आकर्षित करती हैं। उदाहरण के लिए:
केओलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर, राजस्थान)
चिल्का झील (ओडिशा)
भारतपुर पक्षी विहार
सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य (हरियाणा)
ये स्थल पक्षियों के लिए सुरक्षित और समृद्ध वातावरण प्रदान करते हैं।
7. मानसून पूर्व की तैयारी
कई पक्षी भारत में गर्मी के अंत और मानसून के आगमन के साथ अपना प्रजनन चक्र पूरा करते हैं। मानसून से पहले की गर्मी उन्हें भोजन, साथी और घोंसले बनाने के लिए जरूरी परिस्थितियाँ प्रदान करती है। जैसे ही मानसून आता है, नवजात चूजे तेजी से विकसित होते हैं और पक्षी अपनी वापसी यात्रा के लिए तैयार हो जाते हैं।निष्कर्ष
भारत अपनी प्राकृतिक विविधता, समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र, पर्याप्त भोजन स्रोतों और अनुकूल जलवायु के कारण न केवल सर्दियों में बल्कि गर्मी के मौसम में भी प्रवासी पक्षियों के लिए एक स्वर्ग जैसा गंतव्य है। प्रवासी पक्षी हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का भी प्रतीक हैं, और इनकी उपस्थिति यह दर्शाती है कि भारत की प्राकृतिक धरोहर आज भी विश्वस्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।भारतवासियों के लिए यह गर्व का विषय है, और साथ ही यह जिम्मेदारी भी कि हम अपने प्राकृतिक आवासों की रक्षा करें ताकि आने वाले वर्षों में भी विदेशी प्रवासी पक्षी हर मौसम में यहाँ आते रहें और प्रकृति के इस अद्भुत चक्र को जीवंत बनाए रखें।
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