देहरादून में देर रात चला बुलडोजर, दून अस्पताल परिसर से हटा धार्मिक ढांचा
देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देर रात एक बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई को अंजाम दिया गया। सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने एक धार्मिक स्थल को ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई नगर निगम, लोक निर्माण विभाग (PWD), दून अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई। बुलडोजर की गर्जना के बीच प्रशासन ने दून अस्पताल परिसर में वर्षों से बने अवैध धार्मिक ढांचे को जमींदोज कर दिया।
यह कदम उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'सरकारी भूमि मुक्त अभियान' के तहत उठाया गया है, जिसका मकसद सार्वजनिक संपत्ति पर हो रहे अतिक्रमण को हटाना है। प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक राज्यभर में 600 से अधिक अवैध धार्मिक ढांचों को हटाया जा चुका है, और यह अभियान लगातार जारी है।
धार्मिक भावनाओं का सम्मान, लेकिन कानून सर्वोपरि
अधिकारियों का कहना है कि वे धार्मिक भावनाओं का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों, सड़कों, और अन्य सरकारी परिसरों में अवैध निर्माणों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दून अस्पताल में बना यह धार्मिक स्थल बिना किसी वैध अनुमति के बनाया गया था और कई वर्षों से विवाद का विषय रहा है।
देर रात करीब 12 बजे पुलिस बल की मौजूदगी में कार्रवाई की गई ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। मौके पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया था। बुलडोजर की मदद से कुछ ही घंटों में ढांचे को पूरी तरह हटा दिया गया। इस दौरान किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन की खबर नहीं आई।
प्रशासन की चेतावनी: आगे भी जारी रहेगा अभियान
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई एक उदाहरण है, और जिन भी लोगों ने सार्वजनिक या सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किए हैं, उन्हें स्वयं ही ढांचे हटाने की सलाह दी जाती है। ऐसा न करने पर प्रशासन सख्त कदम उठाएगा।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया:
"यह कार्रवाई किसी एक धर्म के खिलाफ नहीं है। यह कानून और व्यवस्था की बहाली की प्रक्रिया का हिस्सा है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन अतिक्रमण को किसी भी सूरत में नहीं बर्दाश्त किया जाएगा।"
आम जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई को लेकर आम जनता की राय मिश्रित रही है। कुछ लोगों ने इसे कानून का स्वागत योग्य कदम बताया, तो कुछ ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात कही। हालांकि, बड़ी संख्या में नागरिकों ने कहा कि अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थानों में अवैध निर्माण न केवल जगह घेरते हैं, बल्कि मरीजों और स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा भी उत्पन्न करते हैं।
निष्कर्ष
सरकार और प्रशासन की यह मुहिम स्पष्ट संकेत देती है कि उत्तराखंड में अब अवैध अतिक्रमण के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। दून अस्पताल में हुए इस बुलडोजर एक्शन को राज्य की बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जो आगे आने वाले समय में अन्य जिलों में भी दोहराया जा सकता है।
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