बैसाखी स्नान पर हरिद्वार में उमड़ा जनसैलाब, चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

 


हरिद्वार : बैसाखी स्नान पर्व के अवसर पर शनिवार को हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गली-कूचों से लेकर प्रमुख मार्गों तक श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आया, जिससे कई जगहों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।बैसाखी पर्व के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से पूरे मेला क्षेत्र को 4 सुपर जोन, 13 जोन और 40 सेक्टरों में विभाजित किया है। शनिवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने मेला क्षेत्र में तैनात पुलिस बल को ब्रीफ किया और सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा की।

सभी जोन और सेक्टरों की निगरानी कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जा रही है। इसके अतिरिक्त, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। बीडीएस और डॉग स्क्वॉड भी क्षेत्र में सक्रिय रहकर निरंतर निगरानी कर रहे हैं।इस बार बैसाखी पर्व चैत्र पूर्णिमा के शुभ स्नान से शुरू हो रहा है, जो हनुमान जयंती के साथ मनाया जाएगा। रविवार को तड़के 3:20 बजे सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होगा, और स्नान का पुण्यकाल सुबह 9:44 बजे तक रहेगा।

बैसाखी पर्व का विशेष धार्मिक महत्व है। इसे सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के कारण साल का पहला और बड़ा स्नान पर्व माना जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार वैशाख मास भगवान विष्णु का प्रिय महीना है, और इस दौरान सभी देवता पवित्र नदियों में वास करते हैं, जिससे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।बैसाखी मुख्य रूप से पंजाब का प्रमुख पर्व है, जहां इसे 'मेंखी' के रूप में मनाया जाता है। परंपरागत रूप से किसान इस दिन गंगाजल छिड़ककर अपनी फसल की कटाई शुरू करते हैं। आज भी पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में यह परंपरा जीवित है, भले ही अब कटाई मशीनों से होती हो।

इस बार वैशाख मास की शुरुआत हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा और अनुराधा जैसे शुभ नक्षत्रों में हो रही है, जिससे यह अवसर और अधिक शुभ माना जा रहा है।प्रशासन श्रद्धालुओं से अपील कर रहा है कि वे धैर्य और संयम बनाए रखें, सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और एक-दूसरे की सहायता करें ताकि यह पर्व श्रद्धा, शांति और उत्साह से संपन्न हो सके।

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