सात किलोमीटर तक मौत की दौड़: शराबी चालक की कार ने मचाई तबाही
जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर सोमवार रात एक दर्दनाक हादसे से दहल उठी, जब एक नशे में धुत फैक्ट्री मालिक ने अपनी एसयूवी से बेकाबू होकर नौ लोगों को रौंद दिया। इस भीषण दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना के बाद इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है।
पुलिस के मुताबिक, यह दिल दहला देने वाली घटना सोमवार देर रात एमआई रोड से शुरू हुई। आरोपी उस्मान खान (62), जो विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र में लोहे के पलंगों की फैक्ट्री का मालिक है, कथित रूप से शराब के नशे में धुत होकर अपनी एसयूवी चला रहा था। उसका वाहन बेकाबू होकर करीब सात किलोमीटर तक संकरी गलियों से गुजरता हुआ नाहरगढ़ थाना क्षेत्र तक कहर मचाता रहा।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त बजरंग सिंह शेखावत ने बताया, "एसयूवी ने सबसे पहले संतोषी माता मंदिर के पास एक स्कूटी और बाइक को टक्कर मारी। इसके बाद सड़क पर गिरे लोगों को कुचल दिया। रास्ते में कई अन्य राहगीर और खड़ी गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गईं।"
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस की तत्परता से आरोपी को मुख्य दुर्घटना स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर एक संकरी गली में फंसी गाड़ी से हिरासत में लिया गया। इस हादसे में घायल हुए लोगों की पहचान वीरेंद्र सिंह (48), ममता कंवर (50), मोनेश सोनी (28), मोहम्मद जलालुद्दीन (44), दीपिका सैनी (17), विजय नारायण (65), जेबुन्निशा (50), अंशिका (24), और अवधेश पारीक (37) के रूप में हुई है।
सभी घायलों को सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने ममता कंवर और अवधेश पारीक को मृत घोषित कर दिया। मंगलवार सुबह इलाज के दौरान वीरेंद्र सिंह ने भी दम तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कई अन्य घायलों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और वे ट्रॉमा वार्ड में उपचाराधीन हैं।
पुलिस ने पुष्टि की है कि आरोपी की मेडिकल जांच में शराब के नशे की पुष्टि हुई है। पीड़िता ममता कंवर के पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना के बाद नाहरगढ़ रोड और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है, जिसे देखते हुए चार थानों की पुलिस तैनात कर दी गई है।
इस हादसे ने न सिर्फ कई परिवारों को गहरा दर्द दिया है, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि नशे में गाड़ी चलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं होती।
टिप्पणियाँ